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टीआरपी के खेल में, टीम इंडिया के प्रशसकों को नीचा दिखाने की साजिश

cricket-fans-in-india

टीआरपी किसी भी चैनल को बहुत प्यारी होती है.

खबर अगर मिलती नहीं है तो खबर बना दी जाती हैं. जैसे की कल ख़बरों की दुनिया में हुआ.

भारतीय टीम जब तक विश्व में अच्छा खेल रही थी, तब तक हमारा मीडिया इन्हीं खिलाडियों के गुणगान गा रहा था और जैसे ही एक हार मिली, तब इस मीडिया का रंग बदल गया. चैनल्स में लाये गये, बम-पटाखे छुपा दिए गये, और शुरू हो गया, चैनल्स पर हार का विलाप.

Channel TRP

Channel TRP

कई चैनल्स ने तो बकायदा टेलीविज़न के सेट्स ही तुड़वा दिए और जब आप इस पूरे प्रकरण देखेंगे तो आप जान जायेंगे कि यह बहुत हद नाटकीय लग रहा था, जैसे की चैनल्स वालों ने ही यह सब कुछ तैयार किया है.

एक बड़े अंग्रेजी चैनल ने तो इससे भी आगे निकलकर टीम को मरा हुआ घोषित किया और जगह-जगह पुतले जलते हुए, प्रसारित किये.

Anger against Indian defeat in cricket semi final

Anger against Indian defeat in cricket semi final

चैनल्स द्वारा धोनी के घर के बाहर खड़ी पुलिस को दिखाया गया और इस तरह से कहानी कड़ी की गयी कि जैसे धोनी ने कोई बहुत बड़ा अपराध कर दिया हो.

Security for Dhoni

Security for Dhoni

जहाँ विदेशी मीडिया ने हार को खेल का एक हिस्सा बताया है,

वहीँ भारतीय मीडिया ने क्रिकेट खेल प्रेमियों का जो चित्रण किया, वह खेल प्रशसकों को नीचा दिखाने की साजिश ही लगती है. इस बार खेल प्रेमी बहुत शांत रहे हैं.

टीम इंडिया के साथ इस बार जहाँ खेल प्रेमी खड़े दिखे हैं, वह कोई साधारण बात नहीं है. मीडिया ने देश की खेल भावना को ठेस पंहुचाई है और एक नकारात्मक छवि को विश्व में पेश किया है.

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क्रिकेट