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30 दिन बाद ट्रंप के हाथ से नहीं बचेगा ISIS क्योंकि…

आतंकवादियों के खात्मे का प्लान

अमेरिका के नए राष्ट्रपति डॉनल्डं ट्रंप ने अब अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है.

वे लगातार ऐसे कड़े फैसले ले रहे हैं, जिससे इस्लामिक आतंकवाद को दुनिया के कोने कोने से समाप्त किया जा सके.

ट्रंप ने तय किया है कि आतंकी चाहे दुनिया के किसी भी कोने में क्यों न छिपकर बैठे हो, अमेरिका उनको बिलों से निकालकर मारेगा. खासकर इस्लामिक स्टेट आफ इराक एंड सीरिया यानी ISIS के दिन तो ट्रंप के इस बयान के बाद लद गए हैं.

अमेरिका के नए राष्ट्रपति डॉनल्डं ट्रंप ने सेना के अधिकारियों को कहा है कि आज से 30 दिन बाद जब वे उनसे मिले तो उनके हाथ में आतंकवादियों के खात्मे का प्लान होना चाहिए, ताकि वे 31वें दिन इस्लामिक स्टेट के खिलाफ नया मोर्चा खोल सके.

आपको बतां दे कि राष्ट्रपति ट्रंप ने कुर्सी पर बैंठते ही अपनी अगुआई में isis के खिलाफ मोर्चा खोलने की पूरी तैयारी कर ली है. बस उसे इंतज़ार है आतंकवादियों के खात्मे का प्लान बनने का. बताया जा रहा है कि ट्रंप ने ISIS को हराने के लिए अमेरिकी सेना को 30 दिन के अंदर आतंकवादियों के खात्मे का प्लान तैयार करने का निर्देश दिया है.

ट्रंप ने अपने आदेश में कहा कि अमेरिका के सामने ISIS के रूप में ही कट्टरपंथी इस्लामिक आतंकवाद से एक मात्र खतरा नहीं है, लेकिन ये सबसे खतरनाक और आक्रामक है. ये अपना खुद का राष्ट्र स्थापित करने की भी कोशिश कर रहा है. ISIS अपने कब्जे वाले इस क्षेत्र को खलीफा का अधिकार क्षेत्र वाला होने का दावा करता है.

ट्रंप का कहना है कि वे इसे किसी तरह से स्वीकार या इससे किसी तरह का समझौता नहीं करने वाले हैं. उन्होंने कहा कि इसी कारण से मैं अपने प्रशासन को निर्देश दे रहा हूं कि वो ISIS की शिकस्त के लिए व्यापक योजना तैयार करें.

डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद 28 जनवरी को उनकी अपने रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन से करीब एक घंटे तक टेलीफोन पर लंबी बातचीत की थी.

इस दौरान दुनिया की दोनों महाशक्तियां ISIS के खिलाफ बेहतर सहयोग के साथ मुकाबला करने पर सहमत हुईं. माना जाता है कि पुतिन का समर्थन मिलने के बाद ट्रंप ने अपनी सेना को इस्लामिक आंतकवाद के सफाए का ब्ल्यू प्रिंट तैयार करने को कहा है.

सीरिया समेत दुनिया के अन्य हिस्सों में शांति बहाल करने के लिए मिलकर काम करने के अलावा पुतिन और ट्रंप का ISIS के खिलाफ जारी अभियान में सहयोग बढ़ाने की खबर के बाद वे देश घबराए हुए हैं जो अपने यहां आतंकवाद को पालने पोसने का काम करते हैं. ट्रंप और पुतिन की दोस्ती और आतंक को लेकर ट्रंप के तेवरों से पाकिस्तान के भी होश उड़े हुए हैं.