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ट्रंप ने दी मोदी को धमकी कहा समझौता तोड़ देंगे अगर

जलवायु परिवर्तन को लेकर पेरिस समझौते

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत को धमकी दी है.

ट्रंप ने कहा कि समझौते को लेकर वह अगले दो हफ्तों में बड़ा फैसला लेने वाले हैं.

क्योंकि भारत की ओर से अमेरिका को ऐसे असहयोग की उम्मीद नहीं थी. लेकिन आप को बता दें कि अमेरिका केवल भारत से ही नहीं खफा है बल्कि वह चीन और रूस से भी नाराज है.

दरअसल, जलवायु परिवर्तन को लेकर पेरिस समझौते के लागू न होने के कारण खफा है. यही वजह है कि इससे खिन्न अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने ऐलान किया है कि वो भारत, चीन और रूस के खिलाफ कड़ा फैसला लेने वाले हैं. उन्होंने पैरिस समझौते पर निशाना साधाते हुए कहा है कि इस समझौते के तहत अमेरिका खरबों डॉलर दे रहा है, जबकि रूस, चीन और भारत जैसे प्रदूषण फैलाने वाले कुछ नहीं दे रहे.

ट्रंप ने कहा कि समझौते को लेकर वह अगले दो हफ्तों में कड़ा फैसला लेंगे.

उन्होंने वैश्विक पर्यावरण को लेकर हुई इस क्लाइमेट डील को एक तरफा बताया और कहा कि इसके तहत पैसों का भुगतान करने के लिए अमेरिका को गलत तरीके से निशाना बनाया जा रहा है, जबकि प्रदूषण फैलाने वाले रूस, चीन और भारत जैसे बड़े देश कुछ भी योगदान नहीं दे रहे.

ट्रंप ने कहा, अब ज्यादा दिन तक ऐसा नहीं चलने वाला है. वे अब पैरिस समझौते को लेकर कोई बड़ा फैसला लेंगे. ज्ञात हो कि जलवायु परिवर्तन को लेकर 2015 में संयुक्त राष्ट्र की पारंपरिक रूपरेखा के तहत 194 देशों ने समझौते पर हस्ताक्षर किए और 143 ने इसके प्रति दृढ़ता दिखाई थी.

ट्रंप ने दावा किया कि उनके अनुमान के मुताबिक, समझौते का पालन करने के चलते अमेरिका को अगले दस सालों में 1606 अरब रुपये से भी ज्यादा का नुकसान हो सकता है.

लेकिन बाद में अधिकांश देश इससे पीछे हटते चले गए.

विकासशील देशों का तर्क है कि जलवायु परिवर्तन को लेकर पेरिस समझौते जो उनके विकास में बाधक है, क्योंकि विकसित देशों ने विकास के नाम पर जो अंधाधुंध पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया है उसकी कीमत अब वे विकसित देशों से वसूलना चाहते हैं.

गौरतलब हो कि जलवायु परिवर्तन को लेकर पेरिस समझौते का मकसद दुनिया के बढ़ते औसत जलवायु तामपान को दो डिग्री तक नीचे लाना था.