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20 जनवरी के बाद ट्रंप इसको देंगे जोर का झटका धीरे से

संयुक्त राष्ट्र संघ

अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने धमकी दी है कि 20 जनवरी को अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद वे सबसे पहले संयुक्त राष्ट्र संघ को सुधारेंगे.

ये पहला मौका है कि जब दुनिया के किसी महाशक्ति देश ने संयुक्त राष्ट्र संघ को लेकर इतनी सख्त टिप्पणी की है.

डोनाल्ड ट्रंप ने इस वैश्विक संस्था पर निशाना साधते हुए कहा है कि यूएन अपने मूल उद्देश्य से भटक गया है. यहां महत्वपूर्ण मसलों पर गंभीरता से चर्चा के बजाए मौज मस्ती चल रही है.

गौरतलब है कि भारत सहित कई देश लंबे समय से मांग करते रहे हैं कि संयुक्त राष्ट्र संघ की कार्य प्रणाली में बदलाव किए जाए. अपनी कार्य शैली और निर्णयों पर निष्क्रियता के चलते आज संयुक्त राष्ट्र संघ एक ऐसे क्लब में तब्दील हो गया है जहां लोग मिलने जुलने, गप हांकने और समय बिताने के अलावा कोई काम नहीं करते हैं.

अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप जिस प्रकार दुनिया के मुद्दों पर साफगोई से अपनी बेबाक टिप्पणी कर रहे हैं उसको देखते हुए उम्मीद लग रही है कि ट्रंप के आने बाद परिस्थितियों में कुछ न कुछ बदलाव अवश्य होगा.

आपको बता दें कि हाल ही में ट्रंप ने अमेरिका की उसकी इराक और लीबिया नीति को लेकर भी आलोचना की है.

ट्रंप का मानना है कि सद्दाम हुसैन और गद्दाफी को मारना अमेरिका की बहुत बड़ी गलती थी.

हालांकि कुछ लोगों का मानना है कि ट्रंप सुरक्षा परिषद में इजरायल के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पर मतदान के दौरान की गई उसकी टिप्पणी को लेकर नाराज है. साथ वो इस प्रस्ताव पर वर्तमान अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के फैसले से भी नाखुश है.

बहराल, ट्रंप के तेवरों से इस बात के साफ संकेत मिल रहे हैं कि शपथ लेने के बाद उनके एजेंडे में सबसे उपर पश्चिमी एशिया और सयुंक्त राष्ट्र संघ रहने वाले हैं.

जिस अंदाज में ट्रंप 71 साल से भी अधिक पुराने संस्थान संयुक्त राष्ट्र संघ को चुनौती दे रहे हैं उसको देखकर लगता है कि 20 जनवरी के बाद ने दुनिया के विवादास्पद मामलों में अमेरिका का रूख आक्रामक रहने वाला है.