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ये सब्जी है ‘पथरी’ का रामबाण इलाज, 3 दिन में कर देती है बीमारी का काम तमाम

पथरी का इलाज

पथरी का इलाज – आजकल मिलावटी चीजों का चलन कुछ ज्यादा ही हो गया है।

हर दूसरी चीज में मिलावट पाई जाती है। मिलावट के कारण हमें कई सारी बीमारियां घेर लेतीं हैं और हमें अस्पताल के चक्कर काटने पड़ते हैं। इन्हीं बीमारियों में से एक है पथरी। पथरी की बीमारी भी मिलावट के कारण ही होती है। अगर एक बार किसी को पथरी हो जाए तो उसे तेज दर्द और उलटियां होतीं हैं। ये दर्द काफी खतरनाक होताा है और कई लोग दर्द के कारण बेहोश तक हो जाते हैं। लेकिन आज हम आपको पथरी का एक बेहद सी सरल और असरदार उपाय बाताएंगे। सिर्फ एक सब्जी खाने से आप पथरी से मुक्ति पा सकते हैं।

आखिर कौन सी है ये सब्जी जो है पथरी का इलाज और कैसे आपको इस सब्जी से पथरी से मिलेगी निजात? आइए जानते हैं।

तोरई है पथरी का इलाज :

तोरई भले ही खाने में कई लोगों को पसंद ना आती हो। लेकिन तोरई के कई फायदे होते हैं। सबसे बड़ा फायदा तो पथरी की बीमारी में होता है। आयुर्वेद में तोरई को पथरी की बीमारी का सबसे बड़ा इलाज माना जाता है। कहा जाता है कि अगर रोज सुबह तोरई की बेल को गाय के दूध या फिर ठंडे पानी में घिसकर सबुह के समय पीने से पथरी टूटने लगती है और खत्म हो जाती है। आपको ऐसा कम से कम 3 दिन करना होगा और इसके बाद आप खुद ही महसूस करेंगे कि आपके दर्द में काफी कमी आई है। कुछ दिन बाद ये बीमारी हमेशा के लिए दूर हो जाएगी।

तोरई खाने के हैं कई फायदे :

तोरई पथरी का इलाज तो करती ही है साथ ही ये कई और चीजों में भी बहुत लाभदायक है। तोरई का एक और बड़ा फायदा है कि तोरई वजन कम करने में बहुत मददगार साबित होती है। जिनका वजन काफी बढ़ गया है और वो इसे कम करना चाहते हैं अगर वो तोरई खाएंगे तो उन्हें इसका बहुत फायदा मिलेगा। तोरई में कॉलस्ट्रॉल और कैलरी काफी कम होती है और इससे वजन घटाने में मदद मिलती है।

ये सब्जी है पथरी का इलाज – आपको बता दें कि आजकल फास्ट फूड का जमाना है। लोग आजकल नूडल्स, बर्गर, पीजा जैसी चीजें खाते हैं, जिनमें तेल काफी ज्यादा मात्रा में होता है और ये हमारे शरीर के लिए काफी खतरनाक होता है। ये सारी चीजें हमारे शरीर को फुला देतीं हैं और शरीर फूलने के बाद बीमारियों को दावत देने लगता है। ऐसे में आपको इन सब चीजों से दूर रहना चाहिए। खासकर बच्चों के लिए तो ये बेहद ही जरूरी है कि वो इनसे दूर रहें क्योंकि आजकल देखने में मिल रहा है कि बच्चे बहुत छोटी उम्र से ही फास्ट फूड के आदि हो जाते हैं और बाद में उन्हें इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ते हैं।