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इस गाँव में अगर कोई करता है खुले में शौच तो बजने लगती हैं सीटियाँ !

खुले में शौच

आप अगर कभी गाँव गये होंगे तो आपने जरूर देखा होगा कि आज भी लोग खुले में शौच करते हैं.

अब यह अच्छा होता है या बुरा यह तो हम नहीं जानते हैं लेकिन इससे देश की छवि खराब होती है यह निश्चित है.

प्रधानमंत्री मोदी की स्वछता अभियान की मुहिम को आगे बढ़ाते हुए छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले ने मिशाल कायम की है. यहाँ के अधिकतर घर से लोग शौच करने बाहर ही जाते थे. गाँव के कुछ लोगों ने सभी को समझाने का काफी प्रयास किया कि अपने घरों में शौचालय का निर्माण करायें.

इससे घर की बहू-बेटियों को भी बाहर नहीं जाना पड़ेगा और सबसे बड़ी बात कि गाँव भी गंदा नहीं होगा. लेकिन कोई भी व्यक्ति इस बात को सुनने के लिए राजी नहीं था.

तो कुछ लोगों ने बनाई सेना

तो जब गाँव वाले लोग सरपंच की नहीं सुन रहे थे तो इन्होनें युवाओं की एक टोली बनाई और सभी को एक-एक सीटी दी. इनको बोला गया कि जब भी तुम किसी को शौच बाहर करते हुए देखो तो तुरंत सीटी बजाने लगो.

सीटी बजाने वाली टीम में कुछ लड़कियां भी थीं जो महिलाओं की निगरानी करती थीं. शुरुआत में ऐसा ही हुआ जैसे ही कोई खुले में शौच करने बैठता तो चारों तरफ से सीटी बजने लगती थी.

गाँव में हल्ला हो जाता था कि कोई खुले में शौच करता पकड़ा गया है. लेकिन किसी की भी इतनी हिम्मत नहीं हो रही थी कि वह इस सेना को ऐसा करने से मना करे.

सबसे बड़ी बात यह थी कि इस मुहिम को सरपंच जी का साथ मिला हुआ था. धीरे-धीरे लोगों से इज्जत और लाज शर्म के मारे खुले में शौच करना बंद कर दिया.

आर्थिक मदद भी दी है

अगर गाँव का कोई व्यक्ति आर्थिक रुप से सक्षम नहीं था जो अपने घर में शौच बना सके तो गाँव वालों ने उस व्यक्ति की आर्थिक मदद भी की है. आज पूरे गाँव में हर घर के अन्दर शौचालय है. सभी सीटी बजाने वाली टीम को धन्यवाद कहते हैं कि उनकी वजह से आज इस गाँव को भारत के काफी लोग जान पाए हैं.

तो इस पूरी कहानी से सिद्ध होता है कि अगर इरादे हों तो इंसान कुछ भी कर सकता है. गाँव के चंद लोगों ने मिलकर वो कर दिखाया है जो सभी को असंभव लगता है.