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किस तरह एक सिख ने अपनी पगड़ी की परवाह किए बिना एक बच्चे की जान बचाई

harman singh new zealand

पिछले शुक्रवार यानी 15 मई 2015 के दिन दुनिया भर में कई एक्सीडेंट हुए!जिनमे कई लोगों को चोटें पहुंची और बहुतों की जानें गईं, लेकिन न्यू-ज़ीलैण्ड के ऑकलैंड शहर में एक ऐसा एक्सीडेंट हुआ जिसके बाद के क्षणों ने मानवता का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया!

हर्मन सिंह ने इस एक्सीडेंट के कारण घायल हुए 5 वर्षीय लड़के को देखा जिसके सिर से काफी खून बह रहा था. उन्होंने तुरंत अपनी पगड़ी निकाली और उस लड़के के सिर के निचले हिस्से में, खून का बहाव कम करने के लिए बाँध दी!

सिख धर्म यह मानता है कि एक सिख की पगड़ी उसकी धार्मिक पहचान होती है और सिख मर्द इस पगड़ी को बड़ी शान से पहनते हैं! लेकिन अपनी पगड़ी निकालकर उसके सहारे उस 5 वर्षीय बच्चे के सिर से खून का बहाव रोककर उसकी जान बचाने के समय हर्मन सिंह  ने अपने धर्म के बारे में बिलकुल नहीं सोचा और सबसे बड़े धर्म मानवता का पालन किया!

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हर्मन सिंह एक भारतीय हैं जो न्यू-ज़ीलैण्ड में बिज़नस की पढ़ाई करने गए हुए हैं.

हर्मन सिंह ने न्यू-ज़ीलैण्ड हेराल्ड नामक अखबार को कहा, “मैं पगड़ी के बारे में नहीं सोच रहा था, मैं तो उस एक्सीडेंट के बारे में सोच रहा था और मुझे लगा कि उस बच्चे के सिर पर कोई कपडा बाँधने की ज़रूरत है क्योंकी काफी खून बह रहा था”

हर्मन सिंह ने यह भी कहा कि उनके जगह कोई और होता तो वह भी यही करता.

सिख, अपनी पगड़ी को अपनी शान मानते हैं, पगड़ी की शान के किए मर मिटते हैं, सिख धर्म के मुताबिक़ लोगों के बीच पगड़ी को हमेशा सिर पर बांधे  रहना चाहिए लेकिन हर्मन सिंह ने कहा कि मेरा धर्म लोगों की मदद करने की इजाज़त भी देता है तो मैं क्यों ना करूं?

मेरे ख़याल से दुनिया को हर्मन सिंह जैसे कुछ और लोग चाहिए जो धर्म के बंधनों में नहीं फंसते और धर्म का सदुपयोग अच्छे कार्य करने के लिए करते हैं!

जय हिंद!