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एक हाथ से बनाया शिव मंदिर इस शापित मंदिर में पूजा करने पर होता है अनिष्ट!

क्या कभी ऐसा होता है कि आप शिव मंदिर जाएँ और वहां जाकर पूजा ना करें?

लेकिन ये बात सच है. हमारे देश में एक ऐसा अनोखा शिव मंदिर है जहाँ हर साल लाखों लोग दर्शन के लिए आते है लेकिन शिव की पूजा कोई नहीं करता.

देवभूमि उत्तराखंड  के जनपद सीमान्त जनपद पिथौरागढ़ से धारचूला जाने वाले मार्ग पर लगभग सत्तर किलोमीटर दूर स्थित है कस्बा थल जिससे लगभग छः किलोमीटर दूर स्थित है ग्राम सभा बल्तिर. इस गाँव में शिव का अभिशप्त मंदिर है. इस मंदिर के बारे में बहुत से आश्चर्यचकित कर देने वाली कथाएं और किवदंतियां प्रचलित है.

आइये जानते है इस अनोखे शिव मंदिर के बारे में 

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ ज़िले के एक छोटे से गाँव में स्थित इस शिव मंदिर का नाम है हथिया देवाल.

इस मंदिर में दूर दूर से श्रद्धालु दर्शन के लिए आते है. यहाँ बच्चों का मुंडन आदि संस्कार भी होते है. लेकिन इस मंदिर में आया हुआ कोई भी श्रद्धालु ना शिव को प्रणाम करता है ना ही शिवलिंग की पूजा अर्चना करता है.

आगे की स्लाइड्स में जानिये इस मंदिर का अनोखा इतिहास..

इस अनोखे शिव मंदिर का नाम हथिया देवाल है.

ऐसा नाम इसलिए है क्योंकि कहा जाता है कि इस शिव मंदिर का निर्माण एक कलाकार ने एक हाथ से एक रात में किया था. यह बहुत ही प्राचीन मंदिर है. इसे कब बनाया गया ये ठीक ठीक नहीं पता. इस मंदिर का वर्णन कई ग्रंथों और अभिलेखों में आता है.

कहा जाता है कि एक कारीगर ने शिव मंदिर बनाना शुरू किया और चट्टानों को काटकर उसने एक रात में एक हाथ से ही मंदिर बना दिया. इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग भी चट्टान को काटकर ही बनाया गया है.

आखिर क्यों नहीं की जाती यहाँ शिव की पूजा….

इस मंदिर को देखने तो बहुत से लोग आते है लेकिन यहाँ पूजा कोई नहीं करता है. पूजा ना करने के पीछे भी कई कहानियां सुनाई जाती है.

एक कहानी के अनुसार इस गाँव में एक मूर्तिकार रहता था जो बहुत ही खूबसूरत मूर्तियाँ बनाया करता था. एक बार किसी दुर्घटना में उसका एक हाथ कट गया. हाथ कटने के बाद भी उसने मूर्तियाँ बनाया नहीं छोड़ा. उसे इस हालत में मूर्तियाँ बनाते देख लोग उसका मजाक उड़ाते थे.

खिन्न होकर एक रात उसने गाँव के बाहर चट्टान को काटकर मंदिर बनाना शुरू कर दिया. वो अपने काम में इतना लीं हो गया था कि एक रात में एक हाथ की मदद से उसने पूरा मंदिर बना दिया.

सुबह जब गाँव वालों ने ये शिव मंदिर देखा तो उनके आश्चर्य की कोई सीमा भी नहीं रही. सभी गाँव वालों ने उस एक हाथ वाले मूर्तिकार को ढूंढा. लेकिन वो गाँव छोड़कर चला गया था. जब गाँव वाले उस शिव मंदिर में शिव लिंग की पूजा करने के लिए गए तो देखा कि शिवलिंग का घेरा गलत बना हुआ है. उल्टे घेरे वाले शिवलिंग की पूजा करने से अनिष्ट होता है. तब से इस शिव मंदिर के दर्शन करने के लिए श्रद्धालु जाते है पर शिवलिंग की कोई पूजा नहीं करता है.

एक दूसरी कहानी के अनुसार एक बार एक प्रसिद्ध मूर्तिकार का एक हाथ राजा ने सिर्फ इसलिए कटवा दिया कि वो कोई और सुंदर इमारत ना बना सके.  लेकिन उस कारीगर ने हार नहीं मानी और एक ही रात में एक हाथ से इस शिव मंदिर का निर्माण कर दिया.

जब राज्य के लोगों को पता चला तो उन्हें राज पर बहुत क्रोध आया. उस मूर्तिकार के सम्मान में तब से लोग इस मंदिर में  दर्शन हेतु जाते है लेकिन राजा के विरोध के लिए टब से आज तक कोई भी श्रद्धालु इस मंदिर में पूजा नहीं करता .

देखा आपने कितनी अनोखी कहानी है हथिया देवाल की. कभी मौका मिले उत्तराखंड जाने का तो इस मंदिर को भी ज़रूर देखकर आना.

Yogesh Pareek

Writer, wanderer , crazy movie buff, insane reader, lost soul and master of sarcasm.. Spiritual but not religious. worship Stanley Kubrick . in short A Mad in the Bad World.

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Yogesh Pareek

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