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​5 बातें जो महाभारत के भीष्म को भगवान बना देती हैं और यह काम कृष्ण भी नहीं कर सकते थे

Things That Make Bhishma A God

भीष्म महाभारत का एक ऐसा पात्र है जो हर किसी को पसंद आता है.

बलिदान की इस मूर्ति को जितना भी सम्मान दिया जाए वह कम ही रहेगा. यहाँ तक की अगर भीष्म को भगवान अवतार बोला जाए तो इसमें भगवान शब्द का कोई अपमान नहीं होगा.

जी हाँ यह बात आज आप भी जान जायेंगे कि जो कार्य और बलिदान भीष्म ने किया है वह तो भगवान कृष्ण भी नहीं कर पाए हैं.

तो पढ़ते हैं वह 5 बातें जो महाभारत के भीष्म को भगवान बना देती हैं-

1.     अर्जुन को अपनी मृत्यु का राज बताना

सभी जानते थे कि भीष्म को कोई नहीं मार सकता है और भीष्म अगर चाहे तो पूरी पांडव सेना को कुछ ही देर में खत्म कर सकते हैं. तभी कृष्ण ने अर्जुन को बोला कि वह भीष्म से उनकी मृत्यु का राज पता करें. अर्जुन भीष्म से पूछता है और भीष्म पितामह शिखंडी का राज अर्जुन को बता देते हैं. भला ऐसा कोई आम इंसान कर सकता है.
 
2.     हस्तिनापुर के लिए दर्द सहना

भीष्म ने पिता को वजन दिया था कि वह जब तक अपने प्राण नहीं छोड़ेंगे जब तक हस्तिनापुर खुशहाल नहीं होगा. तो जब भीष्म बाणों से बेहाल थे और दर्द से कराह रहे थे तब भी वह अपने वचन को नहीं तोड़ते हैं.

3.     पिता के लिए त्याग

भीष्म का सबसे बड़ा बलिदान अपने पिता को बोला जा सकता है जब वह पिता की शादी के लिए अपनी शादी ना करने का वचन करते हैं. यहाँ तक कि बाद में वह यह भी कहते हैं कि वह जीवन भर ब्रह्मचर्य का भी पालन करेंगे.

4.     दुर्योधन के लिए अधर्म का साथ दिया

भीष्म कभी भी अगर अपने वचन और कसम में नहीं बंधे होते तो वह दुर्योधन के पाले में खड़े होकर कभी भी युद्ध नहीं लड़ते. दुर्योधन को भीष्म ने समझाने की भी कोशिश की थी लेकिन वह तब अहंकार में अँधा हो गया था.

5.     अम्बा, अम्बिका और अम्बालिका

अम्बा, अम्बिका और अम्बालिका का स्वयंवर होने वाला था. उनके स्वयंवर में जाकर अकेले ही भीष्म ने वहाँ आये समस्त राजाओं को परास्त कर दिया और तीनों कन्याओं का हरण करके हस्तिनापुर ले आये जहाँ उन्होंने तीनों बहनों को सत्यवती के सामने प्रस्तुत किया ताकि उनका विवाह हस्तिनापुर के राजा और सत्यवती के पुत्र विचित्रवीर्य के साथ सम्पन्न हो जाये. भीष्म जानते थे कि यह पाप है और इसकी सजा उनको मिलेगी तब भी वह अपनी माँ और राज्य के लिए ऐसा करते हैं.

तो ऐसे ना जाने और भी कितने काम हैं जो भीष्म ने अपने लिए नहीं किन्तु दूसरों के लिए किये हैं.

भीष्म की मृत्यु भी बलिदान की वजह से ही हुई थी अतः बोल सकते हैं कि भीष्म महाभारत के भगवान से कम नहीं है.​