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जानिए ऐसे आविष्कारों के बारे में जिन्हें भारत के अलावा कोई और नहीं कर सका

आविष्कार जो भारत ही कर सका

आविष्कार जो भारत ही कर सका – भारत को सोने की चिड़िया तो कहा ही जाता है इसके अलावा भारत में ज्ञान का भंडार भी है।

हमेशा से भारत की धरती पर कई महान पंडितों, ज्ञानियों और वैज्ञानिकों ने जन्म लिया है जिन्होंने पूरी दुनिया में भारत का नाम रौशन किया है। आज हम आपको उन आविष्कारों के बारे में बताएंगे जिन्हें भारत के अलावा दुनिया का कोई भी देश नहीं कर सका।

कौन से हैं ये आविष्कार जो भारत ही कर सका – आइये जानते हैं।

आविष्कार जो भारत ही कर सका –

1 – शून्य की खोज:

गणित का सबसे अहम अंक ‘शून्य’ की खोज भारत में हुई थी। शून्य की खोज भारत के महान गणितज्ञ और खगोलविद आर्यभट्ट ने की थी। आर्यभट्ट का जन्म बिहार के पाटलिपुत्र में हुआ था। आर्यभट्ट ने ही शून्य की खोज कर सारी दुनिया को सोचने पर मजबूर कर दिया। जाहिर है कि शून्य के बिना गणित की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। आर्यभट्ट ने भारत का नाम इतिहास के सुनहने पन्नों पर दर्ज करवाया था।

2 – Pi की व्याख्या:

अक्सर हमने गणित में पाई की वैल्यू (3.1416) पढ़ी है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये पाई की वैल्यू आई कहां से और कहां इसकी खोज हुई। पाई का जन्म भी भारत में हुआ है और इसकी वैल्यू की पहचान भी आर्यभट्ट ने ही की थी। आर्यभट्ट ने सबसे पहले पाई की वैल्यू बताई थी और दुनिया के सामने इसकी व्याख्या भी की थी। आर्यभट्ट ने पाई की वैल्यू 3.1416 निकाली थी और दुनियाभर में इसके बाद पाई की यही वैल्यू इस्तेमाल में लाई जा रही है।

ये है वो आविष्कार जो भारत ही कर सका – इन खोजों के अलावा भी भारत को कई और आविष्कारों का जमक माना जाता है। भारत में कई महान वैज्ञानिकों ने जन्म लिया है। सीवी रमण, डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम, श्रीनिवास रामानुजम, विक्रम साराभाई, वेंकटरमण जैसे वैज्ञानिकों ने हमेशा भारत का मान बढ़ाया है। अब्दुल कलाम को तो मिसाइल मैन का दर्जा भी प्राप्त था। डॉ. कलाम ने भारत एसएलवी 3, पृथ्वी, त्रिशूल, आकाश समेत कई मिसाइल दी थीं। भारत को ज्ञान का भंडार माना जाता है। पुराने जमाने में विदेशों से भी लोग भारत में ज्ञान लेने आते थे। यही वजह है कि आज भारत के लोग दुनिया के हर कोने में काम करते हैं।