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माता सीता के बारे में इन पांच चीजों से अंजान होंगे आप

माता सीता के बारे में

भगवान श्री राम और माता सीता के चरित्र और मूल्यों को लोग आज भी आत्मसात करते हैं।

भगवान राम अपने गुणों के कारण मर्यादा पुरुषोत्तम राम के नाम से जाने जाते हैं, वहीं सीता माता को भी त्याग और समर्पण की प्रतिमूर्ति माना जाता है।

भगवान श्री राम के बारे में हमेशा से हमें बताया जाता रहा है लेकिन माता सीता के बारे में आज भी कई ऐसी बातें हैं जो आप नहीं जानते होंगे।

आइए हम आज आपको माता सीता के बारे में बताते हैं।

1)  यदि आपने रामचरित मानस पढ़ी है तो कभी इस बात पर गौर फरमाइए कि माता सीता का नाम उसमें कितनी बार आता है। यदि आपको नहीं पता तो हम आपको इस बारे में बताते हैं। सीता जी का जिक्र रामचरित मानस में 147 बार आया है।

2)  बहुत कम लोगों को पता होगा कि भगवान श्री राम से माता सीता का विवाह बाल्यकाल में ही हो गया था। 18 वर्ष की आयु में वे भगवान श्री राम के साथ वनवास चली गईं थीं। आपको जानकर हैरानी होगी कि 33 वर्ष की अवस्‍था में अयोध्या नरेश श्री राम की पत्नी होने के साथ ही महारानी होने का गौरव भी प्राप्त कर चुकीं थीं।

3)  लंकेश के अपहृत करने के बाद वे कुल 435 दिनों तक लंका में रहीं। यही नहीं, रावण जिस सीता को अपने साथ ले गया था दरअसल वो सीता नहीं बल्कि उनकी छाया थीं वास्तविक सीता का स्वरूप तो अग्निदेव के पास था।

4)  बड़ी विचित्र बात ये भी रही कि विवाह के बाद कभी सीता अपने मायके जनकपुर नहीं गईं। वनवास गमन की सूचना पर उनके पिता राजा जनक ने उन्हें अपने मायके चलने का आग्रह किया परंतु उन्होंने साफ मना कर पति के साथ ही जाने का निणर्य सुनाया।

5)  किवंदितियों के अनुसार जहां भगवान श्री राम ने सरयू में अपना देह त्याग किया था वहीं माता सीता सशरीर परलोक गईं थीं।

ये थी बातें माता सीता के बारे में – सीता माता को भी इसलिए  युगों युगों से भगवान् श्री राम के अनुरूप ही पूजा जाता रहा है, उनके पतिव्रता धंर्म और आचरण के कारण आज भी घर की लड़कियों को उनकी बातें बताई जाती हैं। सीता माता के इस वर्णन से आपको भी कई नई बातें पता चली होंगी, उम्मीद है आप इस जानकारी को औरों को भी बताएंगे।