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निदा फ़ाजली जैसे शायर मरा नहीं करते – उनके ये लफ्ज़ सीधे रूह को छु जाते है.

nida fazli

nida-fazli-death

सब की पूजा एक सी अलग अलग हर रीत
मस्जिद जाये मौलवी कोयल गाये गीत

पूजा घर में मूर्ती मीरा के संग श्याम
जितनी जिसकी चाकरी उतने उसके दाम

सीता रावण राम का करें विभाजन लोग
एक ही तन में देखिये तीनों का संजोग

मिट्टी से माटी मिले खो के सभी निशां
किस में कितना कौन है कैसे हो पहचान  

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