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पाताल भुवनेश्वर की गुफा का रहस्य और एक पत्थर जो बता रहा है कब आएगी धरती पर प्रलय

अजीबों गरीब जगहों और चीजों से भरा पड़ा है भारत.

आज भी इस तरह की हजारों चीजें हैं जिनसे हम और आप वाकिफ नहीं हैं. सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि इन जगहों का जिक्र हमारे शास्त्रों में भी है किन्तु हम इन जगहों को नहीं जानते हैं.

आज ऐसी ही एक जगह हम आपको लेकर चल रहे हैं जहाँ पर कहते हैं कि एक बार कोई इंसान पहुँच जाये तो उसको एक ही जगह पर चारों धाम के दर्शन हो जाते हैं.

तो आइये पढ़ते हैं कि कहाँ है ऐसी पवित्र जगह…

उत्तराखंड राज्य के पिथौरागढ़ जिले में स्थित एक गुफा विशालकाय पहाड़ी के करीब 90 फुट अंदर है और इसकी खोज आदि शंकराचार्य द्वारा की गई थी. यहां केदारनाथ, बद्रीनाथ और अमरनाथ के दर्शन भी होते हैं. पुराणों के मुताबिक पाताल भुवनेश्वर के अलावा कोई ऐसा स्थान नहीं जहां चारों धामों के एकसाथ दर्शन होते हैं. स्कन्द पुराण में मानस खंड के 103 अध्याय से भी पाताल भुवनेश्वर की महिमा के बारे में पढ़ा जा सकता हैं.

पाताल भुवनेश्वर

पाताल भुवनेश्वर गुफा का जिक्र काफी पहले कर दिया गया था और महाभारत में भी इस गुफा का जिक्र है. कहते हैं कि पांडवों ने अपने अज्ञात वास का कुछ समय यहाँ बिताया था और वह यहाँ पर शिव भगवान से भी मिले थे. यहाँ पर नागों की आकृति काफी मिलती हैं.
एक मान्यता के अनुसार कभी यहाँ शिव के प्रिय नाग रहते थे और यहाँ पर बने एक कुंड से वह पानी भी पीते थे. इन नागों की रक्षा के लिए शिव ने गरुण को यहाँ उपस्थित किया था.

कलयुग में तब आयेगी प्रलय

इस गुफा को कब किसने खोजा है इस बात को लेकर कोई भी एक मत नहीं है. त्रेतायुग में भी गुफा का जिक्र आता है तो द्वापर में भी यह गुफा नजर आती है वहीँ अंत में कलयुग में जगद्गुरु ने इस गुफा को खोजा है ऐसा माना जाता है. इसके बाद चन्द राजाओं ने इस गुफा के विषय मे जाना और आज यहाँ देश विदेश से सैलानी आते हैं एवं गुफा के स्थपत्य को देख दांतो तले उंगली दबाने को मजबूर हो जाते हैं.

दो खुले दरवाजों के अन्दर संकरा रास्ता जाता है. कहा जाता है कि ये द्वार धर्म द्वार और मोक्ष द्वार है. आगे ही है आदिगुरु शंकराचार्य द्वारा स्थापित तांबे का शिवलिंग. माना यह भी जाता है गुफा के आंखिरी छोर पर पाण्डवों ने शिवजी के साथ चौपड़ खेला था. लौटते हुए एक स्थान पर चारों युगों के प्रतीक चार पत्थर हैं. इनमें से एक धीरे धीरे ऊपर उठ रहा है. माना जाता है कि यह कलयुग है और जब यह दीवार से टकरा जायेगा तो प्रलय हो जायेगा.

इस गुफा को देखकर आप दाँतों तले ऊँगली दबा लेंगे और आप गुफा देखकर बोलेंगे कि इस तरह की कोई चीज ईश्वर ही बना सकता है यह इंसानों के बस की बात नहीं है. इस जगह का धार्मिक महत्त्व भी है और काफी लोगों के लिए यह एक कष्ट निवारण जगह भी है. कहते हैं कि यहाँ जाने से इंसान के कुछ रोग खुद-ब-खुद खत्म हो जाते हैं.