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क्या थी वजह जिसने मजबूर किया रुमानी शायरों को शायरी लिखने के लिए

romance

निदा फ़ाजली-

निदा फ़ाजली भी एक मशहूर शायर हैं, उर्दू के मशहूर शायर जिन दिनों पढ़ाई कर रहे थे.

जब वह पढ़ते थे तो उनके सामने की पंक्ति में एक लड़की बैठा करती थी जिससे वो एक अनजाना, अनबोला सा रिश्ता अनुभव करने लगे थे. लेकिन एक दिन कॉलेज के बोर्ड पर एक नोटिस दिखा “कुमारी टंडन का एक्सीडेण्ट हुआ और उनका देहान्त हो गया है”.

निदा बहुत दु:खी हुए और उन्होंने पाया कि उनका अभी तक का लिखा हुआ कुछ भी उनके इस दर्द को बयां नहीं कर पा रहा है. एक दिन सुबह वह एक मंदिर के पास से गुजरे जहाँ पर उन्होंने किसी  को सूरदास  का भजन मधुबन तुम क्यों रहत हरे बिरह बियोग स्याम सुंदर ठाढ़े क्यों न जरे गाते सुना| जिसमें कृष्ण के मथुरा से द्वारका चले जाने पर उनके वियोग में डूबी राधा और गोपियाँ फुलवारी से पूछ रही होती हैं.

ऐ फुलवारी, तुम हरी क्यों बनी हुई हो? कृष्ण के वियोग में तुम खड़े-खड़े क्यों नहीं जल गईं? वह सुन कर निदा को लिखने की प्रेरणा मिली.

निदा की एक रचना

वो शोख शोख नज़र सांवली सी एक लड़की
जो रोज़ मेरी गली से गुज़र के जाती है
सुना है वो किसी लड़के से प्यार करती है
बहार हो के, तलाश-ए-बहार करती है
न कोई मेल न कोई लगाव है लेकिन न जाने क्यूँ
बस उसी वक़्त जब वो आती है
कुछ इंतिज़ार की आदत सी हो गई है
मुझे एक अजनबी की ज़रूरत हो गई है मुझे
मेरे बरांडे के आगे यह फूस का छप्पर
गली के मोड पे खडा हुआ सा
एक पत्थर वो एक झुकती हुई बदनुमा सी नीम की शाख
और उस पे जंगली कबूतर के घोंसले का निशाँ
यह सारी चीजें कि जैसे मुझी में शामिल हैं
मेरे दुखों में मेरी हर खुशी में शामिल हैं
मैं चाहता हूँ कि वो भी यूं ही गुज़रती रहे
अदा-ओ-नाज़ से लड़के को प्यार करती रहे

निदा फ़ाजली के कुछ मशहूर गीत-

1.  होश वालों को खबर क्या, बेखुदी क्या चीज है (फ़िल्म सरफ़रोश)

2.  कभी किसी को मुक़म्मल जहाँ नहीं मिलता (फ़िल्म आहिस्ता-आहिस्ता)

3.  तू इस तरह से मेरी ज़िंदग़ी में शामिल है (फ़िल्म आहिस्ता-आहिस्ता)

4.  चुप तुम रहो, चुप हम रहें (फ़िल्म इस रात की सुबह नहीं)

Nida

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