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नक्सलवाद के पीछे की वजह जानकार नक्सलियों के लिए बदल जायेगी आपकी सोच!

नक्सलवाद

नक्सलवाद को लेकर लोग सोचते हैं कि नक्सलवादी समाज के लिए एक समस्या है, एक ऐसी समस्या जो देश के लिए  सबसे बड़ा मुद्दा बन गया है.

लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि ये नक्सलवादी कहाँ  से आये ? क्यों बने?

आज हम आपको  नक्सलवादी की सच्चाई बताएँगे.

वास्तव में नक्सलवाद एक विचारधारा है. यह विचारधारा नक्सल्बाडी  नामक एक गाँव से शुरू हुई थी, जो वेस्ट बंगाल में है. यहअपने अधिकार को लेकर एक तरह का जन आन्दोलन था. यहाँ के लोग अपनी जरूरतों और आवक्श्यताओं  को लेकर आवाज़ उठाते थे, जो नेताओं और कानून के लोगो को सही नहीं लगा.

नक्सलवादी सामज के ऐसे वर्ग के लोग हैं जिनकी जरुरत एक सीमा तक ही है, लेकिन व्यवस्था को चलाने वाले लोगो के भ्रष्टाचार के  कारण इनकी आम जरुरत भी पूरी नहीं हो पाती और ये लोग अपनी  हथियार उठाने पर मजबूर हो गए.

नक्सलवादी के हथियार उठाने के पीछे  वजह यह है कि ये लोग साम्यवाद और माओवाद को मानते है.

एक पूरे गाँव के लोग हथियार उठाकर घूमते हैं. आसपास के लोग से  और बाहरी लोगों से उनका  सामान्य व्यवहार रहता  हैं. गाँव के लोग उनकी मदद करते हैं. उनका गाँव में आना जाना रहन सहन खान पान सब होता है. लेकिन उनका गुस्सा सिर्फ एक चीज से जुड़े लोगों पर फूटता है वो है कानून की वर्दी पहने लोग.

कानून व्यवस्था के  लोग एक पूल का काम करते हैं, ऐसा पूल जो या तो लोगो की मदद करता है या उनको समस्या को बढा देता है.

यहाँ भी इन लोगो ने नेताओं के फायदे के लिए इनकी समस्या को बढ़ा दिया. उनके अधिकार की लड़ाई को अपराध की उत्पति बताकर उन लोगो को हथियार उठाने पर मजबूर कर दिया.

नेता और कानून के इस खेल में मिडिया ने भी पैसे वालों का साथ दिया और इन आम लोगों को समाज और देश के  दुश्मन दिखा कर नक्सलवादी नाम दे दिया.

इस नक्सलवादी को जन्म देने का श्रेय नेता, कानून और मिडिया को जाता है. एक आम जनता को नक्सलवादी बनाने वाले ये ही लोग है जो आज भी अपने स्वार्थ के लिए उनका शोषण करते हैं.

ये नक्सलवादी ना ही किसी बाहरी लोगो को मारते हैं और ना ही उनको नुकासान पहुंचाते हैं.

अगर आपको यकीं न हो तो आप खुद जा कर देख सकते हैं. इन लोगो के हाथ में हथियार होता है, लेकिन ये आपको तब तक कोई नुक्सान नहीं  पहुँचायेंगे जब तक आपसे उनको नुक्सान नहीं होगा.

यह एक तरह से वैसे ही लड़ाई है जैसे हमारी अंग्रेजों के साथ थी. अंग्रेज हमे हमारी जमीं पर हमे गुलाम बनाकर हमारा शोषण करते थे और आज कुछ नेता और कानून से जुड़े लोग इन आम लोगो के साथ वोही  कर रहे है.

जहाँ इन लोगों को कानून सही लगने लगता है, वहां ये लोग अपने हथियार छोड़ कर उनके सामने खुद को समर्पित कर देते है.

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