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विश्व के सामने मंडराता आतंकवाद का खतरा ! 10 उपाय आतंकवाद गारंटी से खत्म हो जायेगा

आतंकवाद का न कोई धर्म होता है और न ही जात.

वह तो केवल पूरे विश्व में अपनी पैठ जमाना चाहता है जिसके लिए वह निर्दोष मासूमों पर कहर बरपाता है.

आइए हम बात करते है हर देश में मंडरा रहा है आतंकवाद का खतरा – कैसे निपटा जाए?

1. बयानबाजी के बजाय इन घटनाओं को रोकने के लिए कोई एक रूपरेखा निर्धारित की जानी चाहिए. इस पर गंभीरता से चिंतन करते हुए इन घटनाओं के पीछे छिपे कारणों को खोजें और उनका समाधान निकालें.

2. मध्यम शहरों में कानून-व्यवस्था पस्त हाल में है. सुरक्षा एजेंसियां भी महानगरों जितनी प्रशिक्षित और मुस्तैद नहीं हैं. सुरक्षा इंतजामों के पुख्ता न होने के कारण भी आतंकवाद को बढ़ावा मिल रहा है, इसलिए सुरक्षा पर ध्यान देना अति आवश्यक है.

3. देशी इस्लामिक गुटों से बातचीत का रास्ता भी खुला रखना चाहिए, अगर पंजाब समस्या, मिजोरम समस्या का हल निकल सकता है तो यह समस्या भी देर-सवेर सुलझ ही जाएगी.

4. विदेशी आतंकवादियों पर कठोर से कठोर कार्रवाई की जाना चाहिए. इन्हें मदद दे रहे देशों के खिलाफ भी कठोर कदम उठाने से हिचकना नहीं चाहिए.

5. धमाकों से सहमकर आम जनता पर बंदिशें लगाने के बजाय भारत सरकार को अमेरिका और इजरायल की तर्ज पर seek and destroy (ढूँढो और मारो) की नीति अपनाते हुए पलटवार करना होगा.

6. आतंकवाद निरोधी कानून को पुख्ता बनाना होगा. बम धमाकों की जांच और आगे निर्विघ्न कार्रवाई के लिए एक संघीय एजेंसी बनानी होगी.

7. आतंकवाद का खतरा मिटने और आतंकवाद पर काबू पाने के लिए आतंकवादियों और आतंकवादी संगठनों के समर्थकों व शुभचिंतकों पर भी कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए. इसके साथ ही इन संस्थाओं पर वित्तीय प्रतिबंध लगाए जाना चाहिए.

8. हमें आने वाली पीढ़ी को आतंकवाद के विरुद्ध और मानवता के हित में तैयार करना होगा. युवाओं को बताना होगा कि आंतकवादी इस पृथ्वी को बर्बाद करना चाहते हैं.

9. आतंकवाद निरोधक कानूनों की समय-समय पर समीक्षा हो, जिससे जरुरत पड़ने पर आवश्यक बदलाव या फेरबदल संभव हो.

10. संघीय एजेंसी और खुफिया तंत्रों में बेहतर तालमेल के लिए अधिकारियों को अन्य विभागों में प्रतिनियुक्ति पर भेजा जाए, जिससे अधिकारियों में सूचना तंत्र की समझ और नेटवर्क बढ़ाया जा सके.

आतंकवाद का खतरा – आज इस समस्या से सिर्फ सेना, पुलिस या सशस्त्र बल को ही नहीं, बल्कि पूरे देश को आतंकवाद से लड़ना होगा. इसके लिए तात्कालिक और दीर्घकालीन सुरक्षा मापदंड बनाने होंगे. इसके साथ ही केन्द्र और राज्य सरकारों को भी दलगत राजनीति से ऊपर उठकर देश की सुरक्षा के बारे में सोचना होगा.

तब कहीं जाके आतंकवाद का खतरा तल सकता है.

Chandra Kant S

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Chandra Kant S

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