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जब भी गोवा जाना अपनी पर्सनल गाड़ी से ही जाना, नहीं तो पड़ सकता है पछताना !

गोवा पर्यटन

गोवा पर्यटन – गोवा के समुद्री किनारों का मनोरम नजारा ना सिर्फ देश के पर्यटकों को लुभाता है बल्कि इसकी खूबसूरती विदेशी सैलानियों को भी अपनी ओर आकर्षित करती है.

छुट्टियां मनाने और सैर-सपाटे के लिए आनेवाले सैलानियों से गोवा के समुद्री किनारे हमेशा गुलजार रहते हैं.

गोवा वैसे तो बहुत छोटा है, लेकिन यहां छोटे-बड़े करीब 40 समुद्री किनारे हैं जो शांतिप्रिय पर्यटकों और प्रकृति प्रेमियों के दिलों को सुकून पहुंचाते हैं. यही वजह है कि गोवा पर्यटन विश्व पर्यटन स्थलों की सूचि में अपनी एक अलग और खास पहचान रखता है.

गोवा का प्रमुख व्यवसाय पर्यटन ही है इसलिए यहां की सरकार अपने क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने की हर मुमकिन कोशिश करती है. हालांकि यहां पहुंचनेवाले सैलानियों के लिए रेल, सड़क और हवाई यातायात की अच्छी सुविधा उपलब्ध है लेकिन ये सुविधाएं सिर्फ गोवा पहुंचने तक ही सीमित है.

अगर आप अपनी निजी कार या गाड़ी से गोवा की सैर पर निकलते हैं तो इसमें कोई दो राय नहीं है कि आपकी छुट्टियां यादगार लम्हों में तब्दील हो जाएंगी.

वहीं अगर आप गोवा तक ट्रेन, सड़क या हवाई यातायात के जरिए पहुंचते हैं और सोचते हैं कि गोवा के भीतर चलनेवाली लोकल टैक्सी और बस सर्विस का उपयोग करके पूरे गोवा की सैर करेंगे तो यहां आपको एक बार और सोच-विचार कर लेना चाहिए क्योंकि हो सकता है कि गोवा पहुंचते ही आपको निराशा हाथ लगे और आपको पछताना पड़ जाए.

गोवा में मचा है बिना मीटर वाली टैक्सियों का आतंक

वैसे गोवा पहुंचने के बाद वहां की आंतरिक सैर के लिए मीटर और बिना मीटर वाली टैक्सियों की सुविधा तो उपलब्ध है लेकिन यहां पहुंचने के बाद ऐसा लगता है मानो बिना मीटर वाली टैक्सियों ने पूरे गोवा में अपना आतंक मचा रखा है.

इन टैक्सियों को चलानेवाले ड्राइवरों के आतंक का आलम तो देखिए, ये सैलानियों से पहले ही किराए की बात तय कर लेते हैं ऐसे में वो अक्सर सैलानियों से मनमाने ढंग से किराया वसूलते हैं.

हालांकि देशभर में ऊबर और ओला जैसे कई कैब सर्विसेस चलाए जा रहे हैं जो यात्रियों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने के एवज में मीटर से किराया वसूलते हैं जो किसी भी यात्री के जेब पर भारी नहीं पड़ता है.

लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मशहूर गोवा एक ऐसा पर्यटन स्थल है जहां कैब सर्विसेस ना के बराबर है. इसलिए यहां के बिना मीटर वाले निजी टैक्सी चालक सैलानियों से बेहिसाब किराया वसूलते हैं.

गोवा की आंतरिक यातायात सुविधाओं में है सुधार की जरूरत  

जो लोग अपनी निजी गाड़ियों से गोवा की सैर पर निकलते हैं उनके लिए यहां परेशानी वाली कोई बात नहीं है लेकिन आम पर्यटकों के लिए बिना मीटर वाली टैक्सी और प्राइवेट बसों के ज्यादा किराए के चलते गोवा की सैर काफी महंगी पड़ जाती है.

इसमे कोई दो राय नहीं है कि गोवा सरकार सैलानियों को आकर्षित करने और अपने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हर मुमकिन कोशिश करती है लेकिन बिना मीटर वाली टैक्सियों और प्राइवेट बसों के चालकों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए कोई कदम नहीं उठा रहा है इसलिए जरूरी है कि गोवा सरकार उनकी मनमानी को रोकने के लिए कोई ठोस कदम उठाए.

इसके साथ ही जरूरत है कि गोवा सरकार यहां की आंतरिक सैर के लिए ऐसे कैब सर्विसेस की सुविधा सैलानियों को मुहैया कराए जो उनसे मनमाने ढंग से किराया वसूलने के बजाय किफायती  दरों पर उन्हें एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचा सके.

आपको बता दें कि गोवा में गर्मियों के महीने में पर्यटकों की सबसे ज्यादा भीड़ उमड़ती है और इसके बाद मानसून का लुत्फ उठानेवाले सैलानियों के आने का सिलसिला शुरू हो जाता है.

ऐसे में गोवा के प्राइवेट टैक्सी और बस चालकों की मनमानी से अगर सैलानियों को दिक्कतें होने लगे तो फिर इसका खामियाजा गोवा पर्यटन उद्योग को भुगतना पड़ सकता है.