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अद्भुत है टपकेश्वर मंदिर ! जानिए शिव के सबसे शक्तिशाली मंदिरों में से एक टपकेश्वर मंदिर का रहस्य

टपकेश्वर मंदिर

आप अगर शिव भगवान के शक्तिशाली मंदिरों में जाना पसंद करते हैं तो आपको एक बार देहरादून जरूर जाना चाहिए.

खुबसूरत वातावरण में बसा हुआ टपकेश्वर मंदिर आपको निश्चित रूप से असीम शांति प्रदान करेगा.

कहा जाता है कि यहाँ पर बड़ी से बड़ी बिमारियों का ईलाज शिव की कृपा से हो जाता है. शिव जिसे हम जीवन लेने वाला समझते हैं वही शिव जीवन देता भी है. यहाँ पर शिव आपको साक्षात् दर्शन दे सकते हैं.

मंदिर के कई रहस्य हैं और मंदिर के निर्माण के ऊपर भी कई तरह की बातें होती रहती हैं. कोई कहता है कि यहाँ मौजूद शिवलिंग स्वयं से प्रकट हुआ है तो कई लोग बताते हैं कि पूरा मंदिर ही स्वर्ग से उतरा है. मंदिर का निर्माण कब और किसने कराया इसके सिद्ध प्रमाण नहीं है.

बस सब यही मानते हैं कि यहाँ पर बैठे भोले बाबा सबकी सुनती है और जो भी इनके दर पर आता है उसको खाली हाथ नहीं जाने देते हैं.

आइये आज आपको टपकेश्वर मंदिर के रहस्यों से वाकिफ कराते हैं-

यह मंदिर देहरादून जिला देहरादून सिटी बस स्टेंड से 5.5 कि॰मी॰ की दूरी पर गढ़ी कैंट क्षेत्र में एक छोटी नदी के किनारे बना है. यहाँ एक गुफा में स्थित शिवलिंग पर एक चट्टान से पानी की बूंदे टपकती रहती हैं. इसी कारण इसका नाम टपकेश्वर मंदिर है.

मंदिर निर्माण की पौराणिक कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, यह स्थल गुरु द्रोणाचार्य की साधना स्थली बोला जाता है. ऐसा बोला जाता है कि द्रोणाचार्य ने ही यहाँ शिवलिंग को सबसे पहले खोजा था.

भारत भ्रमण के दौरान गुरु द्रोणाचार्य इस जगह पर आए थे और उनकी मुलाकात एक महर्षि से हुई थी. द्रोणाचार्य ने महर्षि से भगवान शिव के दर्शन की अभिलाषा व्यक्त की.

इस अभिलाषा को पूरा करने के लिए महर्षि ने द्रोणाचार्य को ऋषिकेश जाने के लिए कहा था. जब वह यहाँ पहुंचे तो इनको यहाँ शिवलिंग दिखा था.

शिवलिंग पर पानी गिरता रहता है

मंदिर में शिवलिंग के ऊपर चट्टान से पानी बूंद-बूंद कर खुद गिरता रहता है. पहले यह शिवलिंग काफी बड़ी गुफा के अन्दर था लेकिन समय के साथ-साथ गुफा खत्म हो रही है. मंदिर की शक्ति के बारें में आज भी लोग बताते हैं कि यहाँ अगर कोई घंटा-आधा घंटा बैठकर शिव भगवान से प्रार्थना करता है तो उसकी हर जायज इच्छा पूरी हो जाती है.

तो अब अगर आप कभी देहरादून जा रहे हैं तो इस मंदिर में जाना ना भूलें…