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फेंकिए मत पैसा देकर कूड़ा खरीद रहा है ये देश

कूड़े की कमी

अगर आप से कोई कहे दुनिया में एक देश ऐसा है जो इस समय जोर शोर से कूड़ा तलाश कर रहा है तो पढ़कर आप भी हंसेगे.

लेकिन ये सच है. जहां भारत अपने यहां जमा कूड़े के ढेर को ठिकाने के लिए परेशान रहता है वहीं यूरोपीयन देश स्वीडन आजकल कूड़ा नहीं मिल रहा है. वह कूड़ा खोज रहा है. स्वीडन में इन दिनों कूड़े की कमी चल रही है. इस कमी को पूरा करने के लिए स्वीडन सरकार को जहां भी कहीं कूड़ा मिल रहा है वह उसको खरीद कर अपने देश में ला रही है.

दरअसल, स्वीडन पर्यावरण का ख्याल रखने में दुनिया भर में जाना जाता है.

वह अपने यहां जमा होने वाले कचरे से बिजली बनाता है. इसके लिए उसने अपने यहां कूड़े से चलने वाले बिजली संयत्र लगा रखे हैं. अब जब स्वीडन में कूड़े की कमी हो गई है तो इन संयत्रों की पूर्ति के लिए वह दूसरे देशों से कूड़ा खरीदकर अपनी बिजली की जरूरत पूरी कर रहा है.

गौरतलब है कि यूरोप में सर्दी के मौसम में ऊर्जा की बहुत अधिक आवश्यकता होती है. लोग अपने घरों को गर्म रखने के लिए बड़ी तादाद में हीटर का प्रयोग करते हैं. यहां सरकार ने ठंड से निपटने के लिए बिजली की खपत को पूरा कराने के लिए राष्ट्रीय हीटिंग नेटवर्क बना रखा है. ज्यादा ठंड पड़ने के दौरान कूड़े को जलाकर राष्ट्रीय हीटिंग नेटवर्क के लिए बिजली पैदा की जाती है, जिससे अत्याधिक ठंड में यहां के घरों का तापमान रहने के अनुकूल रखा जा सके.

यहां ऐसा सिस्टम बनाया गया है, जिससे ठंड के दिनों में एक ही प्लांट सैकड़ों घरों का तापमान एकसाथ बढ़ाने का काम कर सके. बड़े-बड़े पाइपलाइन से हीट को घरों तक पहुंचाया जाता है. हीट पैदा करने के लिए वेस्ट का इस्तेमाल किया जाता है.

स्वीडन में सरकारी नीति है, जिसके तहत ठंड के दिनों में यहां की प्राइवेट कंपनियों को भी वेस्ट और जलने वाला कूड़े का आयात करना होता है. यही कारण है कि स्वीडन सर्दी में अपने देश की ऊर्जा जरूरत को पूरा करने के लिए विदेशों में कूड़ा खरीद रहा है.

बता दें कि भारत के विपरीत स्वीडन अपने देश का कूड़ा जमीन में न के बराबर ही दबाता है. गत वर्ष उसने अपने यहां जमा कूड़े का सिर्फ 1 प्रतिशत ही जमीन में दबाया और बाकी के कूड़े को अपनी ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करने में लगाया.

लिहाजा इस बार भी वह अपने यहां बिजली की मांग को पूरा करने के लिए दुनिया के देशों से कूड़ा खरीद रहा है.