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भारत की ये स्वाति इतनी खतरनाक है कि पाकिस्तानी सेना अब तोप चलाने से भी डरती है

वेपन लोकेटिंग रेडार

पिछले काफी समय से नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान की तोपे शांत है.

पाकिस्तान अब भारत की सीमा चैकियों और गांवों में मोटार्र और तोप से गोलाबारी करने से पहले कई बार सोचता है.

ऐसा नहीं है कि पाकिस्तान अब सुधर गया है. बल्कि अब उसको डर लगने लगा है कि अगर गलती से भी उसने नियंत्रण रेखा पर स्थित गांवों पर मोटार्र और तोप चलाई तो स्वाति उसे नहीं छोड़ेगी.

ये स्वाति कोई ओर नहीं बल्कि भारत का वेपन लोकेटिंग रेडार है. या कहिए शब्द भेदी हथियार है. इस रडार की खासियत है कि ये आवाज को पहचान कर उस पर हमला करने के लिए सटीक जानकारी देता है.

रक्षा सूत्रों के मुताबिक, ये रेडार उस लोकेशन की सटीक जानकारी दे सकते हैं जहां से फायरिंग हो रही हो. यह दुश्मन की आर्टिलरी, मोर्टार और रॉकेट लॉन्चरों को तबाह करने के लिए हमारे शूटिंग उपकरणों को गाइड करते हैं.

इतना ही नहीं, यह हमारी ओर से दुश्मन पर की गई फायरिंग के प्रभाव को भी ट्रैक कर सकता है. पहले यह सुविधा सेना के पास नहीं थी.

आपको बता दें कि जैसे ही पाकिस्तान की ओर से भारत पर आर्टिलरी, मोर्टार और रॉकेट लॉन्चरों से फायरिंग की जाती है तो स्वाति रेडार सेकेंडों में उस स्थान का पता लगा लेता है जहां से फायरिंग की गई है. उसके बाद ये कि स्वाति रडार से कनेक्ट शूटिंग उपकरणों को गाइड करता है कि उसको कितनी दूरी पर और किस दिशा में गोला दागना है.

ये सब इतनी जल्दी होता है कि पाकिस्तान की सेना को संभलने या वहां से भागने का मौका ही नहीं मिलता है.

स्वाति नाम के वेपन लोकेटिंग रेडार पिछले 2 महीने से ट्रायल के तौर पर इस्तेमाल किए जा रहे हैं. जहां इनके परिणाम बहुत ही बढ़िया मिले हैं.

रक्षा सूत्रों का कहना है कि इनदिनों सीमा पार से तोपों और दूसरे भारी हथियारों से फायरिंग रुकने के पीछे स्वाति एक अहम कारण है. इसके डर से पाक सेना ने भारी आर्टिलरी का इस्तेमाल कम कर दिया है. अब वह छोटे हथियारों से फायरिंग करता है और उससे नागरिकों और बंकरों को नुकसान नहीं होता.

नहीं तो क्या था कि पिछले एक साल से सीमा पार से हेवी आर्टिलरी से फायरिंग चल रही थी. यहां तक कि सीमा पार स्नाइपर फायरिंग का भी इस्तेमाल हो रहा था. इससे नियंत्रण रेखा पर स्थित गावों में बहुत नुकसान हो रहा था. गांव से कोई पानी लाने भी बाहर गया, तो स्नाइपर फायरिंग से उन्हें निशाना बनाया जाता था.

सर्जिकल स्ट्राइक के बाद आशंका थी कि पाकिस्तान से और हेवी फायरिंग होगी. लेकिन उसी वक्त ये रेडार तैयार हो चुके थे. उस दौरान इन्हें फौरन नियंत्रण रेखा पर शिफ्ट किया गया.

वेपन लोकेटिंग रेडार को तैनात किए जाने के बाद से ही पाकिस्तान की ओर की जाने वाली हेवी आर्टिलरी से फायरिंग थमने लगी. केवल हल्के हथियारों जैसे रायफल आदि से पाक की ओर फायरिंग की जाती है.

स्वाति वेपन लोकेटिंग रेडार की क्षमता फायरिंग करने वाले हथियार की लोकेशन को 10 से 15 सेकंड में बिल्कुल सटीक खोज लेता है. यह 16,000 फीट तक की ऊंचाई वाले इलाकों में भी कारगर है. तापमान चाहे -30 हो या 55 डिग्री सेल्सियस, यह 50 किलोमीटर की रेंज तक नजर रख सकता है.