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सुरेश रैना करना चाहते थे आत्महत्या, जानिए इसकी चौकाने वाली वजह!

भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार बल्लेबाज सुरेश रैना के बार में तो आप सभी जानते ही होंगे।

सुरेश रैना बांये हाथ के विस्फोटक बल्लेबाज है। सुरेश रैना वर्ल्ड के बेहतरीन टी-20 प्लेयर्स में गिने जाते है।

जब रैना मैदान पर होते है तो चौको छक्को की झड़ी लगा देते है। लेकिन रैना की जिंदगी के बारे में आप कितना जानते है, चलिये आज हम आपको उनकी जिंदगी की किताब के कुछ अनछुये पन्नों को आपके सामने खोलते है।

आज भले ही सुरेश रैना इंडियन टीम का हिस्सा है और एक सेलेब्रिटी का स्टेटस रखते है, लेकिन बहुत कम लोगो को पता है कि एक वक्त था, जब सुरेश रैना ने आत्महत्या का मन बना लिया था।

जी हाँ रैना एक वक्त इतने ज्यादा डिप्रेशन में चले गए थे की उन्होंने अपनी जिंदगी खत्म करने का फैसला कर लिया था।

आखिर ऐसा क्या हुआ था कि रैना करना चाहते थे आत्महत्या-

दरअसल रैना ने पिछले दिनों इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू में इस बात का खुलासा किया। जब वे 13 वर्ष के थे तब लखनऊ स्पोर्ट्स हॉस्टल में रहा करते थे। तब वहां कुछ लड़के उन्हें आये दिन उनको परेशान किया करते थे। उन्होंने आगे बताया कि जब एक बार वे और उनके साथी आगरा में किसी क्रिकेट टूर्नामेंट में हिस्सा लेने गए तब ट्रेन में उनके साथ बहुत ही गलत और शर्मनाक हरकत की गई। उन्होंने आगे बताया की जब वे ट्रेन में नीचे फर्श पर सो रहे थे तब एक बड़े लड़के ने नींद में सो रहे रैना के ऊपर पेशाब कर दिया था। यही नही उनके साथ मारपीट भी की गई।

हरकतों से तंग आकर कर लिया था आत्महत्या का फैसला –

इस तरह की आये दिन उनके साथ हरकते की जाती थी, इस वजह से रैना काफी डिप्रेशन में चले गए थे। रैना इतना डर गए थे कि सब कुछ छोड़कर घर आने का विचार कर लिया था। रैना ने आगे बताया कि इस तरह की हरकतों से तंग आकर कई बार उनके मन में आत्महत्या के विचार भी आये। यहीं नहीं उनके पीने के दूध में कचरा तक डाल दिया जाता था। ठंडी के मौसम में सुबह 3 बजे उनके ऊपर ठंडा पानी डाल दिया जाता था। रैना ने आगे बताया की उनको और उनके दोस्तों को हॉकी से पीटा भी जाता था।

रैना चाहकर भी कुछ नहीं कर पाते थे –

रैना चाहकर भी कुछ नहीं कर सकते थे, क्योंकि वो लोग उम्र में भी बड़े थे और गैंग बनाकर रहते थे। उनके एक दोस्त ने तो हॉस्टल के छत से कूदकर जान देना चाही, लेकिन रैना और दोस्तों ने उसको बचा लिया। रैना ने आगे बताया कि उस हॉस्टल में एथलीट रिवाल्वर रखते थे, जिसके दम पर उन्हें डराया और धमकाया जाता था।

सुरेश रैना तो महज़ एक उदाहरण है, क्योंकि हॉस्टल्स में आज भी इस तरह की शर्मनाक हरकते सरेआम की जाती है।

हमारे देश में रेंगिंग को अपराध माना जाता है, और सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए सख्त कानून बनाये है। लेकिन हॉस्टल्स में जाकर देखा जाये तो सच्चाई कुछ और ही होती है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को ताक में रखकर इस तरह की हरकते की जाती है, जिसकी वजह से मासूम स्टूडेंट्स आत्महत्या जैसा कदम उठाते है।

Sudheer A Singh

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Sudheer A Singh

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