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दीपिका के सिर पर रखा था 10 करोड़ रुपये का इनाम, बीजेपी में हुई वापसी

सूरज पाल अमू

सूरज पाल अमू – पद्मावती बनी दीपिका फिर से सुर्खियों में हैं।

इस बार वह अपनी शादी के कारण सुर्खियों में नहीं है बल्कि एक बीजेपी नेता के इस्तीफे के बाद से सुर्खियों में है। अब ये सोचने वाली बात है कि नहीं… कि किसी के इस्तीफे से दीपिका पादुकोण का क्या सेना-देना, वह भी तब जब वह कोई पिल्म नहीं कर रही हैं। आखिर में ऐसा क्या कर दिया दीपिका ने कि किसी को इस्तीफा ही देना पड़ा।

तो आपको बता दें कि दीपिका ने ऐसा कुछ नहीं किया है बल्कि दीपिका को लेकर इस नेता ने कुछ किया था जिसके कारण इसकी काफी आलोचना हुई थी और फिर इस नेता ने अपने तत्कालीन पद से इस्तीफा दे दिया था।

सूरज पाल अमू

क्या है मामला?

यहां जिस बीजेपी नेता की बात हो रही है उनका पूरा नाम सूरज पाल अमू है। हरियणा बीजेपी में नेता हैं और वहां की पार्टी शाखा में बहुत महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं। सूरज 2017 में फिल्म पद्मावती के समय सुर्खियों में आए। फिल्म पद्मवती को पद्मावत करने में इनका भी पूरा हाथ है।

दीपिका पादुकोण को गला काटने के लिए 10 करोड़ रुपये देने की कि थी पेशकश

पद्मावती फिल्म के कंट्रोवर्सी के दौरान इन्होंने ऐक्ट्रेस दीपिका पादुकोण और डायरेक्टर संजय लीला भंसाली का गला काटकर लाने वाले को 10 करोड़ रुपये देने की पेशकश की थी। उस समय अमू हरियाणा बीजेपी के प्रक्ता थे। हरियाणा के बीजेपी प्रवक्ता सूरज पाल अमू ने कहा था कि वह दीपिका के सिर के बदले 10 करोड़ रुपए देने के लिए तैयार हैं।

आलोचना के बाद दे दिया था इस्तीफा

पिछले साल फिल्म पद्मावत पर छिड़े विवाद के दौरान बीजेपी नेता सूरजपाल अमू ने दीपिका पादुकोण और फिल्म निर्देशक संजय लीला भंसाली का सिर काटने वाले को 10 करोड़ रुपये ईनाम देने का ऐलान किया था। बयान पर विवाद होने के बाद उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था।

पार्टी ने नहीं स्वीकार किया इस्तीफा

लेकिन सूरज पाल अमू पार्टी के खास हैं। शायद इसलिए ही तो पार्टी ने उनका इस्तीफा कबूल नहीं किया है। दरअसल हरियाणा बीजेपी ने वरिष्ठ नेता सूरज पाल अमू के इस्तीफे को खारिज कर दिया है। सोमवार को पार्टी की स्टेट यूनिट ने सूरज पाल अमू के इस्तीफे को रिजेक्ट कर दिया है।

सूरज पाल अमू

घर वापसी की तरह बताया

पार्टी द्वारा इस्तीफा खारिज करन को सूरज ने इसे घर वापसी की तरह बताया। सूरज पाल अमू ने इस पर बयान दिया कि मेरे लिए यह घर वापसी जैसा है। फिल्म पद्मावत के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान दीपिका पादुकोण और संजय लीला भंसाली का सिर कलम जैसी विवादित टिप्पणी करने वाले सूरज ने बीजेपी के चीफ मीडिया को-ऑर्डिनेटर पद से नवंबर 2017 को इस्तीफा दे दिया था। सूरज पाल अमू ने इस्तीफा वापस लिए जाने पर कहा, ‘मैंने हरियाणा बीजेपी के कई पदों से कुछ महीने पहले इस्तीफा दे दिया था। आज हरियाणा बीजेपी के मुखिया सुभाष बराला ने मेरा इस्तीफा खारिज कर दिया है।’

30 साल से पार्टी में

सूरज पाल अमू पिछले 30 साल से पार्टी में कार्यरत हैं। ऐसे में पार्टी के लिए भी इतने पुराने कार्यकर्ता का पार्टी को छोड़कर जाने की हानि उठाना मुश्किल था। इसलिए शायद बीजेपी ने अमू का इस्तीफा खारिज कर उन्हें फिर से पार्टी के कार्यक्रमों में आने का निर्देश दिया है। इस पर अमू ने कहा, ‘करीब 29 से 30 साल तक मैं पार्टी के अलग-अलग पदों पर रह चुका हूं और इसके स्टूडेंट विंग से भी जुड़ा रहा हूं। ये 8 महीने मेरे लिए बहुत कठिन रहे जब मैं पार्टी से अलग रहा हूं। हालांकि मैंने अलग-अलग सामाजिक संस्थानों के लिए काम जारी रखा। यह मेरे लिए घर वापस लौटने जैसा है।’

सूरज पाल अमू

आपको बताते चलें कि पिछले साल नवंबर को फिल्म पद्मावत के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान विवादित टिप्पणी करने पर सुभाष बराला ने सूरज से कारण बताओ नोटिस जारी किया था। जिसके बाद सूरज ने अपने सभी पदों से इस्तीफा पार्टी को सौंप दिया था। प्रदर्शन के दौरान, सूरज ने फिल्म अभिनेत्री दीपिका पादुकोण और संजय लीला भंसाली का सिर कलम करने वाले पर 10 करोड़ के इनाम की घोषणा की थी।

ममता बनर्जी को कहा था राक्षसी

सूरज पाल अमू दीपिका पादुकोण के अलावा कई और महिलाओं के बारे में भी अपमानजनक बातें कह चुके हैं। एक बार इन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को राक्षसी तक कहा दिया था। दरअसल पश्चिम बंगाल में पद्मवात बैन नहीं की गई थी। जिसके बाद अमू ने बना नाम लिए कहा था, ” राक्षसी प्रवृत्ति की महिलाओं का इलाज किया जाना चाहिए। इसके लिए उन्होंने रामायण के शूपर्णखा का किस्सा याद किया था।”

अमू ऐसे ही विवादित बयान देने के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने एक बार एक टीवी एंकर को बेबी कहा दिया था। जिसके बात उनकी काफी आलोचना हुई थी। लगता है इन आलोचना से बीजेपी को काफी प्यार है तभी तो उन्होंने अमू की घर वापसी करा ली है। अमू के लिए तो यह खुशखबरी है।