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ये चार खबर इस बात का संकेत है कि सेना किसी भी किसी भी वक्त कर सकती है पाकिस्तान पर कार्रवाई !

पाकिस्तान पर कार्रवाई

भारतीय सेना किसी भी वक्त पाकिस्तान की बैट यानी बार्डर एक्शन टीम को सबक सिखाने के पाकिस्तान पर कार्रवाई कर सकती है.

इसके साफ संकेत अब मिलने शुरू हो गए हैं.

भारतीय सेना के लिए ऐसा करना इसलिए भी जरूरी हो गया है. क्योंकि जम्मू-कश्मीर की कृष्णा घाटी में पाकिस्तानी सेना द्वारा जिस प्रकार भारतीय सेना के दो जवानों के सिर काटे गए हैं, उसके बाद अब यदि पाक को कोई कड़ा सबक नहीं सिखाया गया तो इससे आने वाले दिनों में सेना के मनोबल पर असर पड़ सकता है.

दूसरे जिस प्रकार चीन ने कश्मीर को लेकर हस्तक्षेप करने की बात कही है उसको देखते हुए भी भारतीय सेना को अब पाकिस्तान के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने का दवाब है. भारत पाकिस्तान पर कार्रवाई कर चीन को चेतावनी दे सकता है कि वह कश्मीर की आग से दूर रहे अन्यथा उसके भी हाथ सलामत नहीं बचेंगे.

इन सबके बीच पाकिस्तान को सबक सिखाने के जो सबसे स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं वह है सेना की ओर से. उपसेनाध्यक्ष शरत चंद ने कहा है कि पाक को जवाब देने के लिए जगह और समय का चुनाव हम ही करेंगे. गौरतलब है कि इसके पहले उरी हमले के बाद भारतीय सेना ने जब पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक की थी तो उस वक्त भी सेना की ओर इसी प्रकार का बयान आया था.

इसके साथ इस घटना के बाद उत्तरी कश्मीर के दौरे पर गए सेना प्रमुख बिपिन रावत का यह कहना कि दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए सेना तैयार रहे, मायने रखता है.

पाकिस्तान पर कार्रवाई के संकेत इस बात से भी मिलते हैं कि 2 मई को दिल्ली में इसको लेकर पूरे दिन बैठकों का सिलसिला जारी रहा. जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल एनएन वोहरा ने जहां केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री अरुण जेटली के बीच लगभग पांच घंटे की मुलाकात हुई.

जानकारों का माना है कि सरकार की ओर से भले ही कहा गया हो कि पाक की कायरतापूर्ण कार्रवाई के खिलाफ बदले की पूरी जिम्मेदारी सेना पर छोड़ दी गई है. लेकिन ये पूरा सच नहीं है. क्योंकि इसको लेकर रातनीति निर्णय सरकार को ही करना है, जिसे वह फिलहाल गुप्त रख रही है.

इसी प्रकार गृह मंत्री राजनाथ सिंह के साथ मुलाकात के बाद जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल एनएन वोहरा का यह कहना कि अगले दो-तीन महीने घाटी के लिए अहम होंगे. अर्थात कहीं न कहीं इन बयानों में कूटनीतिक मायने छिपे हैं.

जो इस बात का साफ संकेत करते हैं कि पाकिस्तान पर कार्रवाई होगी – कश्मीर और पाकिस्तान को लेकर सरकार के भीतर कोई निर्णय हो चुका है. जिसकों कब कैसे क्रियान्वित किया जाना है, इसको अभी गुप्त रखा गया है.