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कांगड़ा का काठगढ़ महादेव… चंद्रमा के साथ आकर बदलता है अर्धनारीश्वर का

एक शिव मंदिर जिसकी सुरक्षा के लिए चार दिवारी सिकंदर ने बनवाई….

एक ऐसा शिवलिंग जो साल के अलग अलग समय अलग अलग आकार बदलता है. सुनकर अचरज हुआ ना पर ये बात एक दम सत्य है.

हिमाचल में स्थित है एक ऐसा अनोखा शिव मंदिर जिसके बारे में तरह तरह के किस्से कहानियां प्रचलित है. यही एक ऐसा शिवलिंग है जो दो भागो में बंटा है . इस मंदिर में शिव की अर्धनारीश्वर रूप में पूजा होती है.

आइये जानते है इस अनोखे मंदिर के बारे में …

हिमाचल प्रदेश को देवताओं की भूमि कहा जाता है. यहाँ बहुत से प्रसिद्ध मंदिर है . खासकर शिव और देवी के.

ऐसा ही एक प्रसिद्ध मंदिर कांगड़ा में स्थित काठगढ़ महादेव का है. इस मंदिर की सबसे खास बात ये है कि ये मंदिर विश्व का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहाँ शिवलिंग दो भागों में बंटा है. एक भाग को शिव और दुसरे को पार्वती रूप में पूजा जाता है. इस शिव लिंग का आकार घटता बढ़ता रहता है. कभी ये शिव लिंग एक बन जाता है तो कभी दो भागों में बंट जाता है.

उत्पत्ति की कथा 

शिव पुराण के अनुसार एक बार विष्णु और ब्रम्हा में अपनी अपनी श्रेष्ठता सिद्ध करने के लिए युद्ध हुआ. जब दोनों ने दिव्यास्त्रों का प्रयोग किया तो उनके असर को खत्म करने के लिए उन अस्त्रों के बीच शिव लिंग के रूप में आ गए.

इस अद्भुत शिवलिंग को देख दोनों अचरज में पड़ गए और इसका आदि और अंत ढूंढने के लिए कोशिश करने लगे. विष्णु पाताल में जाकर एक कोण ढूंढने लगे और ब्रह्मा आकाश में जाकर. लेकिन दोनों ही असफल हुए. तब शिव ने दर्शन देकर कहा कि तुम दोनों ही बराबर हो.

यहिओ शिवलिंग काठगढ़ महादेव में है. चंद्रमा की कलाओं के साथ साथ इस शिवलिंग का आकार घटता और बढ़ता रहता है.

सिकंदर ने कराया था मंदिर का निर्माण

कहा जाता है कि जब सिकंदर ने भारत पर आक्रमण किया था तो उसने एक फ़कीर को इस शिवलिंग की पूजा करते देखा. फ़कीर के सम्मान में सिकंदर ने शिवलिंग के चारों और चारदीवारी और चबूतरा बनवाया. सिकंदर द्वारा बनवाए गए इस चबूतरे और चार दिवारी के अवशेष आज भी व्यास नदी के पास मिलते है.

मंदिर का पुनुरुद्धार

राजगद्दी सँभालने के बाद जब रणजीत सिंह यात्रा कर रहे थे तो काठगढ़ आकर बहुत प्रसन्न हुए. उन्होंने इस पुराने मंदिर का फिर से निर्माण कराया और एक भव्य मंदिर बनवाया.  समय निकाल कर वो हमेशा इस मंदिर में दर्शन के लिए आते थे.

इस मंदिर का शिवलिंग दो भागों में बंटा हुआ है. कहा जाता है कि ये शिव और पार्वती का रूप है. चंद्रमा की कलाओं के अनुसार इस शिवलिंग का आकार घटता बढ़ता रहता है. एक समय ऐसा आता है जब शिवलिंग के दोनों भागों का अंतर आसानी से दिखाई देता है और फिर एक समय ऐसा भी आता है कि दोनों भागों का अंतर नगण्य हो जाता है.

काठगढ़ महादेव का ये अनोखा मंदिर देश के सबसे प्रसिद्ध शिव मंदिरों में से एक है. हर साल शिवरात्रि के मौके पर इस मंदिर में तीन दिनों का विशाल उत्सव होता है. इस उत्सव में शामिल होने के लिए देशभर से लाखों श्रद्धालु आते है.

पर्यटन के लिहाज़ से भी ये स्थान बहुत ही खूबसूरत है. यहाँ कि प्राकृतिक छटा मनमोह लेती है.

Yogesh Pareek

Writer, wanderer , crazy movie buff, insane reader, lost soul and master of sarcasm.. Spiritual but not religious. worship Stanley Kubrick . in short A Mad in the Bad World.

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Yogesh Pareek

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