ENG | HINDI

खेल मंत्रालय ने किया खिलाड़ियों के साथ खिलवाड़

para-sports-feature

नई दिल्ली में 21 तारीख से ‘राष्ट्रीय पैरा एथलेटिक्स प्रतियोगिता’ शुरू हुई. लेकिन दूसरे राज्यों से आए प्रतियोगियों को रहने के लिए जो जगह दी गई वह देश के लिए एक शर्म का कारण बनी है.

प्रतियोगी सदमे में थे कि किस तरह खेल मंत्रालय ने उन्हें एक ऐसी इमारत में ठहराया है जो पूरी तरह से बनी भी नहीं है.

इमारत में जो शौचालय बने हुए हैं उनमे ठीक से पानी का आना जाना तक नहीं होता, कई प्रतियोगिओं को एक साथ एक ही कमरे में रखा गया था. उन्हें उचित बिस्तर तक नहीं दिए गए थे. बस कुछ चटाईयाँ बिछा दी गईं और उनका वहीं पर सोने का बंदोबस्त कर दिया गया था.

Sleeping arrangement

Sleeping arrangement

सोनोवाल जी ने कहा है, “खिलाड़ियों की देख-रेख हमारी प्राथमिकता है, हमारी टीम इस मामले की छानबीन में लगी हुई है और इस कुप्रबंध की तह तक पहुँचने की कोशिश कर रहे हैं”.

वहाँ मौजूद एक खिलाडी ने कहा, “हम लोगों को सही खाना नहीं मिलता, हम 4 दिन से एक ही तरह की पूरी सब्ज़ी खा रहे हैं. हम लाठियों के सहारे चल रहे हैं और हमें दूसरी मंजिल पर ठहराया गया है. व्हीलचेअर के लिए सीढ़ियों के बगल में रैम्प तक नहीं है. यहाँ के शौचालय बेहद खराब हैं, ठीक से पानी नहीं मिलता और यहाँ पंखे भी नहीं हैं”.

Toilets - Bathrooms

Toilets – Bathrooms

‘विनय’ नामक खिलाड़ी ने बयान दिया, “मैं 3 बार नहाते-नहाते गिरा हूँ, हम लोग एक टैंकर से पानी पी रहे हैं जिसे ठीक से साफ़ तक नहीं किया गया है”.

Unhealthy food

Unhealthy food

पैरा अथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ़ इंडिया के अध्यक्ष, रथन सिंह ने कहा, “खेल का मैदान तो एकदम ठीक है लेकिन जो सुविधाएं दी गई हैं उनमे काफी सुधार करने की ज़रुरत है”.

भारतीय खेल मंत्रालय को इस कुप्रबंध का जवाब देना ही पड़ेगा. विशेष रूप से विकलांग लोगों को इस तरह की सुविधा प्रदान कराना एक तरह से उनका अपमान करना है. वहाँ क्रिकेट खिलाड़ी करोड़ों रूपए कमा रहे हैं और यहाँ इन खिलाड़ियों के साथ ऐसा बर्ताव हो रहा है. ये कहाँ का इन्साफ हुआ?

हमारी यही आशा रहेगी कि भारतीय खेल मंत्रालय इस चीज़ में जांच-पड़ताल करे और खिलाडियों को उच्च तरीके की सुविधाएं प्रदान करें.