ENG | HINDI

स्‍मृति ईरानी की इन गलतियों की वजह से उनसे खफा हो गए मोदी जी

स्‍मृति ईरानी का मंत्रालय

स्‍मृति ईरानी का मंत्रालय – टीवी जगत में तुलसी का किरदार निभाकर लोगों के दिल में जगह बनाने वाली स्‍मृति ईरानी ने राजनीति में भी अपनी मजबूत पकड़ बना ली है। अब वो बीजेपी की एक प्रमुख नेता बन चुकी हैं। जब बीजेपी की सरकार बनी थी तो स्‍मृति को शिक्षा मंत्री बनाया गया था।

स्‍मृति के शिक्षा मंत्री बनने पर खूब बवाल उठा था क्‍योंकि खुद स्‍मृति ग्रैजुएट तक नहीं थीं और ऐसे में उन्‍हें पूरे देश की शिक्षा का भार सौंपना किसी को हजम नहीं हो रहा था। कुछ समय बाद स्‍मृति से शिक्षा मंत्रालय लेकर दूसरा पद दे दिया गया और अब फिर उनके पद में बदलाव किया गया है।

ऐसा क्‍या है जो बार-बार स्‍मृति ईरानी का मंत्रालय ही बदला जाता है। दोस्‍तों, इसके पीछे कई कारण हैं जिनके बारे में आज हम आपको बताने वाले हैा। आज हम स्‍मृति ईरानी की उन गलतियों के बारे में बात करेंगें जिनकी वजह से मोदी जी उनसे खफा हो गए।

पीयूष गोयल की कुर्सी

साल 2019 के चुनावों को लेकर बीजेपी ने जिन मंत्रियों के मंत्रालय में बदलाव किया है उनमें सबसे पहला नाम पीयूष गोयल का है।

रेल मंत्री बनने के बाद पीयूष गोयल को एक के बाद एक प्रमोशन मिलता गया। अब उन्‍हें रेल मंत्रालय के साथ ही वित्त मंत्रालय का अतिरिक्‍त प्रभार दिया गया है। हालांकि, ये नियुक्‍ति अस्‍थायी है और तब तक प्रभावी है जब तक कि अरुण जेटली की सेहत सुधर नहीं जाती। जेटली का कुछ दिनों पहले ही किडनी ट्रांस्‍प्‍लांट हुआ है।

एस एस आहलूवालिया

इस लिस्‍ट में दूसरा नाम एस एस आहलूवालिया का आता है। उनके पास अब तक जल संसाधन मंत्रालय था लेकिन अब उन्‍हें इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स मंत्रालय भी सौंप दिया गया है।

राज्‍यवर्द्धन सिंह राठौड़

इस लिस्‍ट में तीसरा नाम है राज्‍यवर्द्धन सिंह राठौड़ का जिनके काम में भी बदलाव किया गया है। उनके पास अब सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का अतिरिक्‍त कार्यभार दिया गया है।

स्‍मृति ईरानी की गलती

अब बात करते हैं मेन मुद्दे यानि स्‍मृति ईरानी की। जिस मंत्रालय का कार्यभार राज्‍यवर्द्धन को सौंपा गया है वो पहले स्‍मृति ईरानी के ही पास था। मोदी जी के पसंदीदा मंत्रियों में स्‍मृति का नाम भी रहा है लेकिन उनसे उनका मंत्रालय छीन लिया गया है।

बात ये है कि स्‍मृति आईएंडबी मंत्री रहते हुए विवादों से घिरी रही हैं। पहले वो तथाकथित फेक न्‍यूज़ के खिलाफ एक अध्‍यादेश लाईं जिसमें पत्रकार के लाइसेंस रद्द करने की अनुशंसा थी। देशभर में उनके इस फैसले का विरोध किया गया।

इस फैसले से देश में ये संदेश जा रहा था कि सरकार अपने खिलाफ बोलने वाले पत्रकारों का मुंह बंद करना चाहती है। विवाद को बढ़ता देख मोदी जी ने इस मामले पर संज्ञान लिया और तत्‍काल प्रभाव से इस अध्‍यादेश को खारिज कर दिया।

इस विवाद के बाद स्‍मृति ने एक और मुश्किल खड़ी कर ली। राष्‍ट्रीय फिल्‍म अवॉर्ड हमेशा राष्‍ट्रपति  के हाथ से दिए जाने की प्रथा रही है और इससे कलाकारों को प्रोत्‍साहन भी मिलता है लेकिन स्‍मृति ने इस परंपरा को तोड़ते हुए सिफ्र 11 लोगों को राष्‍ट्रपति के हाथ से अवॉर्ड दिलवाया और बाकी सबको अपने हाथ से अवॉर्ड दिया। कई विजेताओं ने तो अवॉर्ड लेने से ही इनकार कर दिया।

इन विवादों और स्‍मृति ईरानी के कारनामों से बीजेपी और सरकार दोनों ही परेशान हो गई है इसलिए अब स्‍मृति ईरानी का मंत्रालय छीना गया – अब मृति के पास बस टेक्‍सटाइल मंत्रालय रह गया है।