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इस खतरनाक अपराधी ने जज के सामने पिया था जहर

स्लोबोदन प्रायिलेक

अक्सर ऐसी घटनाएं घटती है जो सदियों के लिए इतिहास बन जाती है।

लेकिन जरुरी नही ये इतिहास अच्छा हो कई बार ये इतिहास खून से भी लिखा जाता है जैसा कि 1993से 1994 के बीच  यूरोप के एक देश बोस्निया में लिखा गया । जो एक गृहयुद्ध होने के बावजूद भी दूसरा विश्व युद्ध की याद दिलाता है। क्योंकि इतनी तबाही इतनी मौते विश्व युद्ध  के बाद कभी नही देखने को मिली थी। जो खूनी खेल बोस्निया की मुस्लिम सेना और क्रोएट्स की सेना के बीच हुआ था। जिसका नेतृत्व कर रहे थे जनरल स्लोबोदान प्रायिलेक ।

प्रायिलेक ने हाल ही में कोर्ट में 1993 के युद्ध में दोषी साबित होने के बाद जज के सामने ही जहर खाकर जान दे दी । क्योंकि प्रायिलेक का कहना था उन पर लगाए गए सभी अपराधी बेबुनियाद है । आपको बता दे 1993 के युद्ध में दोषी के तौर पर प्रायिलेक के साथ उनके पांच अन्य साथियों चला था । जिसमें ये सभी दोषी पाए गए ।

क्या था मामला स्लोबोदन प्रायिलेक का

दरअसल 1993 में  बोस्निया में मुस्लिम और क्रोएट्स के बीच हालत बिगङ गई । इस दौरान स्लोबोदन प्रायिलेक सेना के जनरल थे । प्रायालेक को ऊपर से निर्देश मिलने के बावजूद भी अपनी सेना को मुसलमानों का नरसंहार करने से रोक नही पाए । बल्कि माना जाता है कि वो खुद इस नरसंहार में शामिल थे । और 8000 मुसलमानो को मारा था।जिसमें बच्चे और महिलाएं शामिल थी। 1991 से लेकर 1995 के बीच एक लाख लोग इस युद्ध में बेवजह मारे गए थे। और 22 लाख लोगों को अपने घर से बेघर होना पङा था। यूरोप में ऐसा खूनी नरसंहार विश्व युद्ध के बाद कभी नही हुआ था । जो इस देश में अपने गृह युद्ध में हो गया।

स्लोबोदन प्रायिलेक

स्लोबोदन प्रायिलेक सजा सुन जज के सामने खाया जहर

स्लोबोदन प्रायिलेक इसके लिए जिम्मेदार था, क्योंकि सेना उसके निर्देश पर चल रही थी। उस पर में मानवता के खिलाफ मुकदमा चला। उस पर आरोप लगा कि उसने हालतों संभालने के लिए कोई प्रयास नही किया। और न ही सेना को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए।अपने ऊपर से आरोपो को हटाने के लिए प्रायिलेक अंतराष्ट्रीय अपराधिक न्यायालय पहुंचा । लेकिन यहां भी 2013 में उन्हें 20 साल की सजा सुनाई गई । इस साल यानि 2017 में उनके मुकद्दमे की आखिरी पेशी के दौरान जब जज ने फैसला सुनाया तो प्रायिलेक ने जहर खा लिया । और जब तक उन्हे हॉस्पिटल पहुंचाया गया वो मर चुके थे। ये उस नरसंहार का पछतावा था या फिर कुछ ओर किसी को समढ नही आया ।

स्लोबोदन प्रायिलेक

अध्यापक और निर्देशक भी रह चुका था स्लोबोदन प्रायिलेक

प्रायिलेक के जीवन की गुत्थी बहुत उलझी हुई है जिस वजह से उनके इतने बङे नरसंहार में नामिल होने का मोटिव किसी को समझ नही आता। प्रायिलेक ने इंजीनियरिंग , दर्शनशास्त्र और फिल्म मेकिंग में डिप्लोमा किया था। प्रायिलेक कमांडर बन से पहले ए क अध्यापक और निर्देशक भी रह चुके थे। उन्होंने “द रिर्टन ऑफ कैटेरिना कोजुल ” नाम की फिल्म का निर्देशन किया था। और कई टीवी सीरियल का निर्देशन भी किया था।

स्लोबोदन प्रायिलेक

लेकिन स्लोबोदन प्रायिलेक की एक हीन भावना ने इतनी मौतों का जिम्मेलार बना दिया। जिसके लिए उन्हें पछतावा था भी या नही कोई नही जानता ।