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आज भी इस जगह बेहोश पड़े हैं भगवान हनुमान

भगवान हनुमान बेहोश

भगवान हनुमान बेहोश – भगवान राम के प्रिय भक्त हनुमान जी आज भी धरती पर विचरण करते हैं.

ऐसी कहानी हमारे प्रमुख किताबों में लिखी गई है. लोग कहते हैं कि हनुमान जी से प्रसन्न होकर माता सीता ने उन्हें ये वरदान दिया था कि वो हमेशा इस धरती पर विद्यमान रहेंगे. वो कभी मृत्यु को प्राप्त नहीं होंगे.

हनुमान जी को एक भक्त के रूप में देखा जाता है. एक ऐसा सेवक जो अपने भगवान के कहने पर समुद्र तक लांघ गया था. ऐसे हनुमान की जितनी गाथा सुनी जाए कम है.

हनुमान जी का देश में कई मंदिर है. सभी मंदिरों की अलग अलग कहानी है. इतनी कहानियां हैं की सुनते सुनते पूरा जीवन ख़त्म हो जाएगा, लेकिन कहानी नहीं ख़त्म होगी.

हनुमान जी का हर मंदिर अतुल्य है. ऐसा ही एक मंदिर उनका मध्य प्रदेश में है. मध्य प्रदेश के मंडला में राम भक्त हनुमान विश्राम मुद्रा हैं. सीतारपटन गांव का ये अनोखा मंदिर अपने आप में एक पौराणिक कथा समेटे हुए है. ये मंदिर अपने आप में बहुत ही अनोखा है.

इस मंदिर की सबसे ख़ास बात ये है कि यहाँ के मंदिर में भगवान हनुमान बेहोश पड़े हैं. इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि जिस समय लक्ष्मण मेघनाथ के शक्ति बाण से घायल होकर बेहोश हो गए थे, तब राम की पूरी वानर सेना में एक हनुमान ही थे, जो उन्हें बचाने के लिए संजीवनी बूटी ला सकते थे. रावण के वैद्यराज शुसेन ने राम को बताया कि लक्ष्मण के प्राण तभी बचेंगे, जब उन्हें संजीवनी दी जाएगी. इस बात को सुनकर जामवंत ने राम से कहा कि सेना में केवल हनुमान ही ऐसे हैं, जो संजीवनी ला सकते हैं और लक्ष्मण के प्राण बचा सकते हैं.

अपने भगवान की आँखों में आंसू देखकर हनुमान जी बेहद भावुक हो गए और वो अपने भगवान् की सेवा में खड़े हो गए. राम के आदेश पर हनुमान संजीवनी लेने जाते हैं. जब वो संजीवनी बूटी लेने के लिए उस दिव्य पहाड़ के पास जाते हैं तो उन्हें संजीवनी की पहचान नहीं हो पाती. जिसके कारण वो पूरा पहाड़ ही उखाड़कर राम के पास जाने के लिए चल देते हैं. सीतारपटन गांव के बुजुर्ग लोगों की माने तो हनुमान जब अंधेरे में पहाड़ हाथ में लिए आकाश मार्ग से जा रहे थे, तभी राम के भाई भरत ने उन्हें आकाश में देखा. भरत ने उन्हें मायावी राक्षस समझा और उनपर बाण छोड़ दिया. भरत का बाण सीधे हनुमान को लगा और बेहोश होकर पृथ्वी पर आ गिरे. हनुमान को लगा कि अब उनका काम अधूरा ही रह गया.

हनुमान जी का बेहोश होकर गिरना आजतक वहीँ पर है.

उनकी छवि वहीँ है. वैसे ही हाथ में संजीवनी लेकर वो लेटे हुए हैं. जब वो भगवान हनुमान बेहोश हुए उसी समय से सीतारपटन गांव में हनुमान की मूर्ति एक शिला पर लेटी हुई है. जिसका दर्शन करने के लिए भक्त दूर-दूर से आते हैं. लेटे हुए हनुमान जी की मूर्ति को भक्तों द्वारा श्रद्धा अनुसार लड्डू को खिलाया जाता है. मंगलवार तथा शनिवार के दिन भक्तों की लंबी कतार लेटे हुए हनुमान के दर्शन के लिए पहुंचती है. आज भी उस मंदिर में ठीक वैसे ही लेटे हुए हैं हनुमान जी.

भगवान हनुमान बेहोश हुए – हनुमान जी के इस अनोखे मंदिर का दर्शन करने वाप भी जाएं और अपनी सारी मनोकामनाएँ पूर्ण करें.