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सितारों के टकराने से ब्रह्मांड में बिखरता है सोना चांदी

ब्रह्मांड

ब्रह्मांड में छुपे रहस्यों को खोजने के लिए वैज्ञानिक हर दिन नई नई खोज करते है और इस खोज में हरपल उनके सामने एक नई जानकारी, एक नया रहस्य खुलकर सामने आता है।

कई बार तो ये रहस्य लोगों के साथ-साथ वैज्ञनिकों को भी चौका देते हैं। ब्रह्मांड में सितारों के टकराने को लेकर बीते साल वैज्ञनिकों ने एक बड़ा खुलासा किया, जिसके मुताबिक जब भी सितारें आपस में टकराते हैं, तब उनमें से कई प्रकार की धातुओं बाहर निकालती है।

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बीते कई सालों की लंबी रिसर्च के बाद देश के बड़े वैज्ञानिकों ने इस बात का खुलासा किया कि ब्राह्मांड में सितारों के आपस में टकराने से काफी बड़े स्तर पर धमाके होते हैं, जिनमें सोना, प्लैटिनम जैसी कीमती धातुएं पूरे ब्रह्मांड में बिखर जाती है।

अपने इस खुलासे को लेकर वैज्ञानिकों क कहना है कि ऐसे धमाकों को ही किलोनोवा कहा जाता है। इसके साथ ही उन्होंने अपनी रिसर्च पर खुलासा करते हुए बताया है कि ब्रह्मांड में सितारों के बीच होने वाले ये धमाके बेहद चमकदार होते हैं और ये रेडियो ऐक्टिव लाइट के साथ होते हैं। सितारों के बीच के इन धमाकों की वजह से ही ब्रह्मांड में सोना, चांदी, प्लैटिनम और यूरेनियम जैसी कीमती धातुएं बिखरती है।

ब्राह्मांड में इन सितारों के चकराने का क्या कारण है

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ब्राह्मांड के बीच होने वाले टकारावों को लेकर हुआ यह खुलासा नासा के वैज्ञनिकों ने किया है। नासा के वैज्ञनिकों के मुताबिक सितारों के बीच होने वाले यह सब धमाके ब्रह्मांड में होते है और इनके टकराव से जो भी धातुएं (सोना, चांदी, प्लैटेनियम, यूरेनियम) निकलती है, वह सब धरती से बेहद दूर है।

नासा के वैज्ञनिकों ने अपनी इस खोज में यह खुलासा किया है कि अपनी इस खोज को लेकर उन्होंने एक ऑबेजेक्ट GRB150101B की खोज की है, जोकि इस बात की पुष्टि करता है कि ब्रह्मांण में सितारों का आपस में टकराव बेहद सामान्य बात है। बता दें कि इस से पहले भी नासा वैज्ञनिकों ने GW170817 नाम के एक ऑबजेक्ट की खोज साल 2017 में की थी। जिसमें न्यूटॉर्न स्टार मर्जर हुआ था।

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गौरतलब है कि इस खोज को खगोल भौतिक विज्ञान की नई खोज और एक नया अध्याय माना जा रहा है। तो वहीं इस अध्याय को लेकर वैज्ञानिकों का कहना है कि सितारों के बीच टकराव और उनसे धातुओं का विसरण यह अविष्कार जितना समान्य लग रहा है, यह असल मायनों में भी उतना ही सामान्य है और इस बात की पुष्टि  GRB150101B ऑबजेक्ट की खोज के बाद साफ हो गई है।

रिसर्च के दौरान ढ़ंढे गए दोनों ऑब्जेक्ट पर नासा वैज्ञानिकों का कहना है कि GRB150101B की तुलना में GW170817 पृथ्वी के ज्यादा निकट है और यह दोनों ही ऑब्जेक्ट एक दूसरे से जुड़े हुए है। धमाके के समय दोनों से ही गामा विस्फोट होता है और दोनों से ही नीले रंग की चमकदार रोशनी निकलती है। इतना ही इन दोनों ऑब्जेक्टों को लेकर वैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि दोनों एक ही गैलक्सी के भी हो सकते हैं। हालांकि अभी इस बात की पुष्टि नहीं की गई है। इसके अलावा दोनों के बीच कई तरह की अन्य असमानताएं भी पाई गई है। फिलहाल वैज्ञानिक अभी इन दोनों ऑब्जेक्टों को लेकर लगातार रिसर्च कर रहे हैं।