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क्यों फिल्मों से दूर रहीं अमिताभ की लाडली बेटी श्वेता नंदा !

श्वेता नंदा

श्वेता नंदा – बच्चन परिवार बॉलीवुड के सबसे मशहूर परिवारों में से है.

इस परिवार का हर एक सदस्य एक्टिंग से जुड़ा है, सिवाय एक के. वो इकलौता शख्स है अमिताभ की लाडली बिटिया श्वेता नंदा. अमिताभ की पत्नी जया बच्चन जानी मानी एक्ट्रेस रह चुकी हैं और इस उम्र में भी वो कभी-कभार परदे पर दिख ही जाती हैं, मगर सदी के महानायक की बेटी आखिर क्यों सिनेमा के परदे से दूर रही ये सवाल अक्सर सबके मन में उठता है.

तो यह है वजह

श्वेता नंदा से अक्सर ये सवाल पूछा जाता है कि आखिर वो क्यों एक्टिंग से दूर रही. बार-बार लोगों द्वारा पूछे जाने वाले इस सवाल का जवाब एक बार खुज श्वेता नंदा ने दिया था. एक मशहूर अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, श्वेता नंदा ने एक्टिंग को बतौर करियर न चुनने की वजह बताने से पहले अपने बचपन की एक कहानी बताई. श्वेता जब छोटी थीं तो वो अक्सर अपने माता-पिता के सेट पर जाया करती थीं.

वहां दोनों बहुत व्यस्त रहते थे और टाइट शेड्यूल के कारण उन्हें शिफ्ट में काम करना पड़ता था, इसलिए नन्हीं श्वेता नंदा को माता-पिता के साथ ज़्यादा वक्त बिताने का मौका नहीं मिलता था. माता-पिता से मिलने कई बार श्वेता नंदा खुद ही सेट पर उनसे मिलने चली जाया करती थीं, मगर इसी दौरान एक दिन श्वेता, अमिताभ के मेकअप रूम में खेल रही थीं. तभी एक सॉकेट में उनकी उंगली फंस गई और फिर इस घटना के बाद उन्होंने सेट पर जाना ही छोड़ दिया.

नहीं थी एक्टिंग में दिलचस्पी

श्वेता नंदा कहती हैं कि उनकी एक्टिंग में कभी दिलचस्पी भी नहीं रही. हालांकि स्कूल के दिनों में उन्होंने कुछ नाटकों में हिस्सा लिया, मगर ये अनुभव उनके लिए बहुत खास नहीं रहा. स्कूल के एक नाटक में उन्होंने हवाइयन गर्ल का किरदार निभाया था. नाटक के क्लाइमैक्स में वो अपना शॉट भूल गयी और वो एक्सपीरियंस उनके लिए बहुत बुरा रहा. इसके बाद से उन्होंने कभी एक्टिंग के बारे में नहीं सोचा.

भीड़ से डरती थीं

एक्टिंग में दिलचस्पी न होने के साथ ही श्वेता को कैमरे और भीड़ से भी डर लगता है.

यानी उन्हें ग्लैमर इंडस्ट्री से जुड़ी कोई चीज़ पसंद नहीं थी. बहरहाल, श्वेता की राइटिंग में दिलचस्पी है और वो पत्रकार भी रह चुकी हैं.

कई बार लोग उनके एक्टिंग से दूर रहने की वजह अमिताभ को बताते हैं, उन लोगों के लिए श्वेता ने क्लियर कर दिया कि एक्टिंग से दूर रहने का फैसला उनका खुद का था, न कि परिवार का. जिस चीज़ में उन्हें दिलचस्पी ही नहीं है भला उसमें वो आगे क्यों बढ़ती.