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मुंबई में चीन को इस तरह से मात देने जा रहा है भारत !

शिवाजी मेमोरियल

अब क्षेत्र कोई भी हो भारत हर जगह चीन को चुनौती दे रहा है.

हम से अधिकांश लोग यह तो जानते ही हैं कि मुंबई में शिवाजी महाराज की एक विशालकाय प्रतिमा बनने जा रही है. लेकिन अब इसको लेकर एक नई खबर है.

वह यह कि महाराष्ट्र सरकार अब मुंबई में बनने वाले शिवाजी मेमोरियल की ऊंचाई को 192 मीटर से बढ़ाकर 210 मीटर तक करना चाहती है.

ऐसा होने के बाद यह चीन की सबसे ऊंची बुद्ध की प्रतिमा का रिकॉर्ड तोड़ देगी. बता दें कि स्प्रिंग चीन में स्थित स्प्रिंग टेंपल में बुद्ध की विशालकाय प्रतिमा लगी हुई है.

राज्य सरकार इसको लेकर कितनी तत्पर है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसके लिए वह केंद्र के पास प्रस्ताव भी भेज चुकी है ताकि पर्यावरण संबंधी इजाजत मिल सके.

गौरतलब है कि जब से महाराष्ट्र सरकार ने शिवाजी मेमोरियल बनाने की घोषणा की है तभी से चर्चा में है. ऐसा माना जा रहा है कि शिवाजी प्रतिमा भारत में अपनी ऊंचाई को लेकर खासा चर्चा में रही है.

अब जब इसकी ऊंचाई में और इजाफा किया जा रहा है तो इसकी तुलना चीन के लूशान काउंटी में स्थित मंदिर में बुद्ध की प्रतिमा से की जाने लगी है.

लूशान काउंटी में स्थित मंदिर में बुद्ध प्रतिमा को लेकर दावा किया जाता है कि यह सबसे ऊंची प्रतिमा है. खबर हो कि चीन की बुद्ध प्रतिमा पहाड़ों पर बनी हुई है जो 2008 में बनकर तैयार हुई थी.

इस प्रतिमा की मूल ऊंचाई 153 मीटर है लेकिन बाद में जिस पहाड़ी पर ये प्रतिमा है उसे फिर से बनाया गया जिसके बाद इस प्रतिमा की ऊंचाई 210मीटर हो गई.

खबर के मुताबिक, शिवाजी मेमोरियल कमेटी के चेयरमैन विनायक मेटे ने कहा कि हमें शिवाजी महाराज की सबसे ऊंची मूर्ति चाहिए. ताकि दुनिया में दूर दूर से आने वाले लोगों के साथ भारत के विभिन्न भागों से आने वाले लोग भी शिवाजी के विषय में जाने.

शिवाजी मराठियों ही नहीं बल्कि समस्त भारतीयों के हीरों है. साथ ही वो आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं इसलिए उस प्रतिमा को ऊंचा करने के लिए जो कुछ भी करना पड़े वह सब किया जाना चाहिए.

बता दें कि राज्य सरकार ने शिवाजी मेमोरियल के लिए 3600 करोड़ रुपए का बजट रखा है. पहले चरण में 2,500 करोड़ खर्च करने की बात कही गई थी. उसके लिए टेंडर मंगवाने शुरू भी कर दिए गए हैं.

मेमोरियल पर खर्च होने वाले पैसों में से 1200 करोड़ रुपए तो सिर्फ शिवाजी की प्रतिमा बनाने में लगेंगे. जिसे मंबई के वातारण के हिसाब से कांस्य और कई मिश्र धातु का इस्तेमाल करके बनाया जाएगा. काम के लिए 36 महीने की डेडलाइन रखी गई है. उम्मीद है कि काम साल के अंत तक शुरू हो जाएगा.

आपको बता दें कि विश्व की सबसे ऊंची छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा मुंबई में समुद्र के बीच स्थापित होने वाली है. जिसे नोएडा के पद्म विभूषण मूर्तिकार राम वी. सुतार बनाएंगे. इसका शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर चुके हैं.