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गौरी नहीं इस एक महिला के कारण शाहरुख को मिला हैं ये मुकाम, नहीं तो रेस्टोरेंट में कर रहे होते आज काम

लतीफ फातमा

लतीफ फातमा – बॉलीवुड में किंग खान का मुकाम पाने वाले सुपरस्टार शाहरुख खान की निजी जिंदगी के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। अकसर किंग खान की बात आती हैं तो टीवी धारावाहिक तक ही हम फ्लैशबैक में जा पाते हैं।

आइए आज हम आपको उससे भी पहले के फ्लैशबैक में ले जाते हैं जब वो एक थियेटर आर्टिस्ट के तौर पर खुद को फिट करने में लगे हुए थे।

हम जिस फ्लैशबैक की बात कर रहे हैं तब गौरी नहीं थी बल्कि किंग खान की दुनिया में उनकी एक मां थी जिनका नाम लतीफ फातमा था।

लतीफ फातमा

शाहरुख ही नहीं बल्कि उनके कई दोस्त भी इस बात को स्वीकार चुके हैं लतीफ फातमा न होती तो शाहरुख खान बॉलीवुड के किंग नहीं बन पाते।

किंग खान जब छोटे थे तभी उनके पिता को कैंसर हो गया था। उनका एकमात्र रेस्टोरेंट भी ठीक से नहीं चल रहा था और पिता के इलाज के लिए हर 10 दिन में 13 हजार रुपये चाहिए थे। इसके बावजूद उनकी मां ने बहुत मेहनत की और वो पैसे इकट्ठे किए। घर में इतनी परेशानियों के बाद भी उन्होंने कभी बच्चों को इसका अहसास नहीं होने दिया।

उस समय किंग खान के दोस्त बेनी थॉमस, संजय और दिव्या सेठ तो जैसे किंग खान के घर पड़े रहते थे। बेनी का तो खाना, रहना सब वहीं होता था।

शाहरुख की हर जरुरत को मां ने हमेशा ही पूरा किया। एक बार के बारे मे बताते हैं कि किंग खान ने कार की इच्छा जाहिर की तो मां ने सुबह ही कार घर के सामने लाकर लगा दिया। किंग खान देखकर दंग रह गए।

दिव्या ने एक किताब में बताया कि ‘शाहरुख की मां बहुत ही प्यारी थी तथा वो मजाकिया और शरारती थी। हमें सभी को उनके साथ वक्त बिताना बहुत अच्छा लगता था।‘

किंग खान की मां इतनी अच्छी थी सिर्फ शाहुरुख ही नहीं बल्कि उनके दोस्तों के लिए भी वो पूरी दुनिया थी।

उनकी मां ने कभी किंग खान को किसी चीज के लिए नहीं रोका। घर की किसी जिम्मेदारी का उसे अहसास नहीं होने दिया। उनकी मां कहती थी कि ‘मेरा बेटा शाह जो कुछ भी करेगा बेहतर और उम्दा करेगा उसके जैसा बेहतर इस दुनिया में कोई नहीं।‘ मां के इसी आत्मविश्वास के कारण किंग खान आज इस मुकाम पर हैं।