ENG | HINDI

आज भी शहीद जवान की आत्मा बॉर्डर पर देती है पहरा – प्रमोशन और सैलरी मरने के बाद भी मिलता है.

शहीद हरभजन सिंह

भारत देश में एक से बढ़कर एक देशभक्त की कमी नहीं है.

आज भी शहीद जवान की आत्मा बॉर्डर पर देती है पहरा – प्रमोशन और सैलरी मरने के बाद भी मिलता है.

अपनी भारत मां की खातिर लोग दिल और जान हर पल न्योछावर करने को तैयार रहते हैं. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे सच्चे भारत मां के सपूत के बारे में बताने जा रहे हैं जो अपनी मौत के बाद भी देश की रक्षा में लगा हुआ है.

आप जानकर हैरान हो गए होंगे लेकिन ये पूरी तरह सच है.

चलिए आपको बताते हैं क्या है ये पूरा मामला.

दरअसल साल 1968 की बात है जब एक हादसे में हरभजन सिंह नाम के एक जवान शहीद हो गए थे. हादसे के बाद कई दिनों तक इनका पार्थिव शरीर नहीं मिल पाया था. लोगों की माने तो कुछ दिनों के बाद अपने एक सिपाही दोस्त के सपने में हरभजन सिंह आए और उन्होंने अपने पार्थिव शरीर का पता बताया.

शहीद हरभजन सिंह

सुबह होते ही सिपाही को सपने में शहीद हरभजन सिंह ने जो जगह बताई थी उस जगह पर सेना जब पहुंची तो सही मायने में उनका पार्थिव शरीर उसी जगह पर सेना को मिला. हर कोई इस बात से अचंभित, हैरान था कि आखिर ऐसा कैसे हो सकता है. लेकिन ये सच्चाई सबके सामने थी.

पार्थिव शरीर के मिलने के बाद शहीद हरभजन सिंह का दाह संस्कार किया गया और जिस जगह पर उनका पार्थिव शरीर सेना को मिला था वहीं पर एक बंकर का निर्माण करा दिया गया. इतना ही नहीं बंकर पूरी तरह तैयार हो जाने के बाद वहां हर रोज शहीद हरभजन सिंह की पूजा की जाने लगी.

इसी बंकर को मंदिर का रूप भी दे दिया गया. इसे लोग ‘बाबा हरभजन सिंह’ के मंदिर के रूप में जानते हैं. यहां सेना तो आते ही हैं साथ हीं दूर दराज से श्रद्धालु और सैलानी भी बाबा हरभजन के दर्शन के लिए यहां पहुंचते हैं. और अपनी सलामती की दुआ करते हैं.

शहीद हरभजन सिंह

गौरतलब है कि साल 1968 तक शहीद हरभजन सिंह 24 पंजाब रेजिमेंट में जवान के तौर पर कार्यरत थे. और अपनी ड्यूटी करते हीं उनकी एक हादसे में मृत्यु हो गई थी. लेकिन शहीद हरभजन सिंह की आत्मा आज भी बॉर्डर पर देश की रक्षा कर रही है. इतना ही नहीं हरभजन सिंह को आज भी सेना की तरफ से सैलरी और समय-समय पर प्रमोशन भी मिलता है. है ना ये आश्चर्य वाली बात.

यहां पर जितने भी सेना हैं उनका मानना है कि बाबा हरभजन की आत्मा यहां के सभी सैनिकों की रक्षा करते हैं. साथ हीं सरहद की भी रक्षा शहीद हरभजन सिंह करते हैं. यहां तक कि ये भी कहना है की चीन अगर किसी तरह की कोई चालबाजी करने की कोशिश करता है तो बाबा हरभजन को उसकी खबर तुरंत लग जाती है और वो सैनिकों तक ये खबर तुरंत पहुंचाते हैं. क्योंकि सेना का मानना है कि हरभजन सिंह आज भी सरहद पर तैनात अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं इसलिए उन्हें सैलरी और प्रमोशन दोनों दी जाती है. बड़ी अजीब बात है. हमारे देश की सेना भी इस बात को मानती है –