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सेक्सुअल हैरसमेंट को कैसे पहचानें?

सेक्सुअल हैरसमेंट

सेक्सुअल हैरसमेंट – बॉलीवुड में नाना पाटेकर-तनुश्री दत्ता विवाद के बाद बवाल मचा हुआ है.

तनुश्री के नाना पाटेकर पर 10 साल पहले हुए सेक्सुअल हैरसमेंट का मामला उठाने के बाद बॉलीवुड की क्वीन कंगना रनौत ने भी डायरेक्टर विकास बहल पर सेक्सुअल हैरसमेंट का आरोप लगाया है. दरअसल, ग्लैमर वर्ल्ड में इस तरह की चीज़ें कोई नई नहीं है, लेकिन करियर बचाने के लिए अभिनेत्रियां अक्सर इन मुद्दों पर चुप्पी साधे रखती है.

जहां तक सेक्सुअल हैरसमेंट की बात है तो वो सिर्फ ग्लैमर वर्ल्ड तक ही सीमित नहीं है, बल्कि हर जगह चाहे वो ऑफिस हो या घर महिलाओं को ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ता है. हमारे देश में तो घर में भी महिलाएं सुरक्षित नहीं है. ऑफिस में भी महिलाओं के साथ सेक्सुअल हैरसमेंट होता है, मगर कम ही महिलाएं इस पर बात कर पाती हैं.

नैशनल बार असोसिएशन की तरफ से करवाए गए सर्वे में करीब 6 हजार 74 लोग शामिल हुए थे जिसमें महिलाएं और पुरुष दोनों शामिल थे. सर्वे में शामिल करीब 38 प्रतिशत लोगों ने इस बात को स्वीकार किया कि उनके साथ ऑफिस/वर्कप्लेस  पर कभी न कभी सेक्सुअल हैरसमेंट यानी यौन शोषण की घटनाएं हुईं हैं.

आपके साथ सेक्सुअल हैरसमेंट हो रहा ये बात आपको समझ आनी भी ज़रूरी है. इन स्थितियों को हैरसमेंट माना जाता है.

– अगर कोई व्यक्ति आपकी मर्जी के बिना आपको छू रहा है या आपका फायदा उठाने की कोशिश कर रहा है

– सेक्शुअल फेवर के लिए किसी तरह की मांग रखना

– ऐसी टिप्पणियां करना जिसमें सेक्शुअल बातें जुड़ी हों

– पॉर्न विडियोज भेजना या दिखाना

– किसी भी तरह के गंदे इशारे करना, फिर चाहे वह फिजिकल हो या मौखिक

महिलाओं को जैसे ही इस बात का एहसास हो कि कोई उनका यौन शोषण कर रहा है तो उन्हें तुरंत सावधान हो जाना चाहिए और अपनी कंपनी के इंटरनल कम्प्लेंट्स कमिटी (ICC) के पास जाकर 3 महीने के अंदर शिकायत दर्ज करवानी चाहिए. अगर कंपनी में ICC की व्यवस्था नहीं है तो पीड़ित महिला को लोकल कमिटी के पास जाकर अपनी शिकायत दर्ज करवानी चाहिए. जब तक मामले की जांच चल रही हो अगर पीड़ित महिला उस व्यक्ति का सामने आने में असहज महसूस कर रही हो तो वह सेक्सुअल हैरसमेंट ऐक्ट 2013 के सेक्शन 12 के तहत छुट्टियां ले सकती है. इस ऐक्ट के तहत पीड़ित को 3 महीने तक छुट्टियां लेने का अधिकार है.

सच्चाई तो यह है कि कभी खुद की बदनामी, कभी करियर बचाने तो कभी परिवार के लिए अक्सर ऐसे मुद्दों पर महिलाएं चुप ही रहती है और शोषण सहती रहती है, इसलिए तो हमारे देश में ऐसी घटनाएं कम होने की बजाय दिनों-दिन बढ़ती ही जा रही है.

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