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मेडिकल काॅलेज में सीनियर लडकियों ने की जूनियर्स की एडल्ट रैगिंग !

एडल्ट रैगिंग

एडल्ट रैगिंग – स्कूल पास आउट के बाद हर स्टूडेंट अपने काॅलेज को लेकर एक्साइटेड होता है।

ऊपर से आजकल के टाइम में जहां अच्छे काॅलेज में और मनपसंद कोर्स में एडमिशन मिलना बहुत मुश्किल होता है।

एडिमशन मिलने के बाद काॅलेज शुरु से  कई दिन पहले से नींद आना भी बंद हो जाती है। इस ख्याल में की काॅलेज की जिंदगी कैसी होगी। नए कपङे खरीदने  लगते हैं और न जाने क्या क्या । कितने ख्वाबो और उम्मीदों के साथ कोई स्टूडेंट काॅलेज जाता है। लेकिन अगर काॅलेज में अगर इनके सपनों को रौधं दे तो ।

एडल्ट रैगिंग

कॉलेजों  में रैगिंग एक बङी समस्या है जिसके लिए कई काॅलेजस में कई रुल और संस्थाए बनाई गई है। लेकिन इसके बावजूद भी काॅलेजस में रैगिंग के मामले देखने को मिलते हैं। ये रैगिंग के मामले तब ओर भयानक हो जाते हैं जब इनका असर स्टूडेंट्स के  दिमाख और शरीर पर होने लगता है। जिस वजह से कई स्टूडेंट्स सुसाइड भी कर लेते हैं।

ऐसा ही एक मामला दरभंगा मेडिकल कॉलेज में देखने को मिला।

जहाँ हाॅस्टल की सीनियर छात्राओं  ने जूनियर छात्राओं  के साथ एडल्ट रैगिंग की ।जिसे  छात्राओं का हाॅस्टल में रहना मुश्किल हो गया । दरभंगा मेडिकल कॉलेज का ये मामला हाल ही में सामने आया । जब जूनियर छात्राओं ने एडल्ट रैगिंग से परेशान होकर काॅलेज के प्रिसिंपल से शिकायत की। शिकायत के बाद दिल्ली से एक टीम को जांच के लिए भेजा गया । जांच में पता चला कि सीनियर छात्राएं रात में जूनियर छात्राओं के साथ मारपीट करती थी । गंदी – गंदी गालियाँ देती थी। सीनियर छात्राएं रैगिंग के नाम पर जूनियर छात्राओं से अपने काम करवाती थी । और बेवजह मारपीट करती थी। जिस वजह से जूनियर छात्राएं रात -रात भर रैगिंग का शिकार होती थी । जिसे उनके दिमाग पर भी बुरा असर पङ रहा था। रैगिंग से परेशान होकर सभी जूनियर छात्राओं ने मिलकर इसकी शिकायत मैनजमेंट को की । रैंगिग में शामिल 54 सीनियर छात्राओं को वाॅरनिंग देते हुए  जल्द से जल्द पचास- पचास हजार रुपये भरने को कहा गया है।

कालेज मैनेजमेंट  का कहना है कि रैंगिग का ऐसा मामला पहली बार सामने आया  है। मैनेजमेंट का कहना है कि वो  हमेशा से स्टूडेंट्स से ऐसी  कोई भी परेशानी होने पर तुरंत शिकायत करने को कहती है।