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एक दरगाह जहाँ बिच्छुओं का डेरा है लेकिन वो बिच्छू दरगाह के अंदर किसी को काटते नहीं!

दरगाह जहाँ बिच्छुओं का डेरा

सांप और बिच्छू ऐसे खतरनाक विषैले  जीव है जिसके नाम से ही मन में  डर आ जाता है.

हर बिच्छु अपने जहरीले डंक के नाम से जाने जाते है.  लेकिन क्या आप सोच सकते हैं कि उन बिच्छु को हाथों से पकड़कर रखे और वह किसी को  डंक नहीं मारे तो यह बात आश्चर्यजनक लगती है.

बिच्छु को हाथ से किसी ने पकडा है और उसने आपको कुछ नहीं किया हैं यह जान हैरानी ही होगी.

उत्तर प्रदेश में  अमरोहा नामक जगह में एक ऐसी दरगाह है, जहाँ जमीन के अंदर, दीवारों पर, छप्पर के साथ आस-पास, पेड़ पौधों की जड़ों के किनारे, मिट्टी के अंदर से हज़ारों विषैले काले बिच्छू निकलते है, लेकिन वह काले बिच्छु  किसी को काटते नहीं और न ही डंक मारते हैं.

बिच्छुओं के ना काटने के पीछे यहाँ के लोगों से एक कहानी सुनने को मिलती है…

यह 800 साल पुरानी बात है जब  ईरान से सैयद सरबुद्दीन ने अमरोहा में रहने के लिए आये थे.

तब यहां पहले से निवास करने वाले  बाबा शाह नसरुद्दीन को उनके यहाँ रहने से आपत्ति हुई और उन्होंने एक कटोरे को  पानी से भरकर उनके पास भिजवाया. उस कटोरे को सैयद सरबुद्दीन ने उसके पानी में  एक फूल रखा और उसको फिर से वापस एक संदेश के साथ भिजावाया और  कहा कि मै  इस जगह में ऐसे ही रहूँगा जैसे इस कटोरे में पानी के ऊपर फूल को रखा हुआ है.

उनके इस संदेश को पड़ कर  बाबा शाह नसुरद्दीन ने सैयद सरबुद्दीन को बदुआ देते हुए कहा  कि जिस दरगाह में तुम रुके हो वह  दरगाह सांप-बिच्छू से भर जायेगी और आसपास के गुम हुए सारे  गधे, घोड़े यहां मिलेंगे.

इस बददुआ के उत्तर में सैयद सरबुद्दीन ने कहा  कि इस दरगाह में रहने वाले सांप बिच्छू किसी भी इंसान को दरगाह के अंदर काटेंगे नहीं और कोई भी गधा, घोड़ा यहाँ दरगाह में पेशाब की गन्दगी आदि नहीं करेगा.

इसके घटना के बाद  सैयद सरबुद्दीन बिच्छू वाले बाब कहे जाने लगे.

उनके जुबान के अनुसार यहाँ पर सांप, बिच्छू रहते तो हैं लेकिन दरगाह के अंदर किसी को भी नहीं काटते लेकिन दरगाह के बाहर निकलते ही वे आदमी को डंक मरना शुरू कर देते हैं.

यहां यह भी मान्यता है कि बाबा से अनुमति लेकर कोई भी इन काले बिच्छुओं को अपने घर ले जा सकता है लेकिन तय समयसीमा पर उसको उस बिच्छु को वापस यहाँ लाकर छोड़ना भी होगा नहीं तो समय खत्म होने के बाद वह बिच्छु उनको डंक मारना शुरू कर देते हैं.

इस दरगाह में पाए जाने वाले विषैले बिच्छू दरगाह के अंदर  किसी को नुक्सान नहीं पहुंचाते आपको यकीं नहीं तो आप वहां जाकर खुद इस बात की पुष्टि कर सकते हैं.