ENG | HINDI

इस घटना को याद करके आज भी डर जाते हैं क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर !

हमारे देश में ऐसे दीवानों की कोई कमी नहीं है जो क्रिकेट की पूजा करते हैं और मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट का भगवान मानते हैं. सचिन के लिए उनके फैन्स की दीवानगी ने ही उन्हें क्रिकेट का भगवान बना दिया.

इसमें कोई दो राय नहीं कि सचिन तेंदुलकर ने क्रिकेट करियर के दौरान अपने बेहतरीन प्रदर्शन से देश के करोड़ों दिलों को जीता है. क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद आज भले ही सचिन क्रिकेट के मैदान से दूर हैं लेकिन रिटायरमेंट के बाद भी सचिन अक्सर किसी ना किसी वजह से सुर्खियों में बने रहते हैं.

एक बार फिर क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर सुर्खियों में हैं. खबरों के मुताबिक सचिन ने सालों पुरानी घटी एक ऐसी घटना जिक्र किया है जिसे याद करके आज भी उन्हें डर लगता है.

बचपन से ही लोकल ट्रेन में सफर करने लगे थे सचिन

क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर हमेशा से ही लोगों के आकर्षण का केंद्र रहे हैं. सचिन ने भारत की तरफ से खेलते हुए कई उपलब्धियां हांसिल की है. यही वजह है कि आज भी सचिन का नाम क्रिकेट की दुनिया में बड़ी ही इज्जत के साथ लिया जाता है.

भले ही सचिन ने क्रिकेट से संन्यास ले लिया है लेकिन आज भी उनके फैन्स मैदान में उन्हें मिस करते हैं. हाल ही में सचिन ने एक इंटरव्यू के दौरान अपनी जिंदगी से जुड़ा एक किस्सा बयान किया है.

इंटरव्यू में सचिन ने बताया कि बचपन से ही उनके सिर पर क्रिकेट का भूत इस कदर सवार रहता था कि उन्हें क्रिकेट के अलावा और कुछ नजर नहीं आता था. उन्होंने बताया कि क्रिकेट की प्रैक्टिस करने के लिए उन्होंने ग्यारह साल की उम्र से ही लोकल ट्रेन में सफर करना शुरू कर दिया था. सफर के दौरान उनके पास क्रिकेट किट बैग भी रहता था और उन्हें ट्रेन की भीड़ में खूब धक्के भी खाने पड़ते थे.

ट्रैक पार करनेवाली घटना याद करते ही डर जाते हैं सचिन

सचिन बचपन से ही लोकल ट्रेन का सफर करते थे उन्होंने अपने साथ हुए एक घटना का जिक्र करते हुए बताया कि वो विले पार्ले से अपने दोस्त के पास जाते थे. जहां वो अपने पांच-छह दोस्तों के साथ सुबह और शाम के वक्त क्रिकेट का अभ्यास किया करते थे.

सचिन के मुताबिक एक दिन सुबह क्रिकेट का अभ्यास करने के बाद वो अपने दोस्तों के साथ फिल्म देखने के लिए चले गए. फिल्म देखकर आने में उन्हें शाम हो गई और उन्हें जल्द से जल्द अभ्यास के लिए मैदान में पहुंचना था. इसलिए उन्होंने फूटओवर ब्रिज की जगह रेल की पटरी पार करने का फैसला किया.

जैसे ही सचिन अपने दोस्तों के साथ रेल की पटरी पार कर रहे थे वैसे ही एक तेज रफ्तार ट्रेन उनकी तरफ आ रही थी. सचिन ने बताया कि वो लम्हा उनके और उनके दोस्तों के लिए किसी डरावने सपने से कम नहीं था.

हालांकि इस घटना में सचिन और उनके दोस्त अपनी सूझबुझ से बच गए लेकिन उन्होंने उसी वक्त ये फैसला किया कि वो आगे से कभी रेल की पटरी पार नहीं करेंगे, क्योंकि इस घटना ने सचिन को यह एहसास करा दिया था कि जरा सी लापरवाही उनकी जान भी ले सकती थी.

गौरतलब है कि घटना के बाद से सचिन ने ना तो खुद कभी रेल की पटरी पार की और ना ही अपने दोस्तों को करने दी. लेकिन इस वाकये को सचिन भूला नहीं पाए, यही वजह है कि आज भी जब उन्हें इस घटना की याद आती है वो बेहद डर जाते हैं.