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जानिए अयोध्या के पास कहां बनाया जा रहा है ईदगाह को हटाकर मंदिर !

ईदगाह को हटाकर मंदिर

अयोध्या में राम मंदिर को लेकर चल रहा विवाद भले ही अभी नहीं सुलझा हो लेकिन समीपवर्ती गोंडा जिले की नवाबगंज तहसील के अकबरपुर गांव में हिंदू धार्मिक स्थल के करीब बने ईदगाह को हटाकर मंदिर बनने की कवायत शुरू हो गई है.

जल्द ही राजस्व विभाग की टीम जमीन की पैमाइश करने वाली है.

मुस्लिम यहां 250 वर्ष पुरानी ईदगाह को हटाकर मंदिर बनवाने की तैयारी कर रहे हैं, जो इस गांव के लिए नहीं बल्कि आस पास के इलाके लिए भी एक अनूठी मिसाल है.

दरअसल, उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के इस गांव में ईदगाह से सटा हुआ ब्रहमदेव बाबा का स्थान है. यहां कई वर्ष पुराना बरगद का पेड़ है, जिसमें स्थानीय हिंदू लोगों की गहरी आस्था है और वे उसकी प्ररिक्रमा कर पूजा करते हैं. जहां ये पेड़ है वहीं उससे सटी हुई ईदगाह की दीवार है. जैसे जैसे यह पेड़ बड़ा हो रहा है वैसे वैसे बरगद की डाल व जड़ें बढ़ने से ईदगाह की दीवार को भी नुकसान हो रहा है तो वहीं बरगद के ईदगाह की दीवार से सट जाने के कारण श्रद्धालुओं को परिक्रमा करने में भी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ रहा है.

वहीं, इस ईदगाह में आसपास के गांवो के लोग भी बड़ी संख्या में ईद और बकरीद के मौके पर नमाज अता करने आते हैं तो दूसरी और हिंदू त्यौहारों पर यहां पूजा पाठ और भंडारे का आयोजन किया जाता है. जिससे भीड़ में अनहोनी का खतरा हमेशा बना रहता है. इसी को ध्यान में रखकर गांव के हिंदू और मुसलमानों ने यह फैसला लिया था कि दोनों पक्ष बैठकर इस समस्या का समाधान निकालेंगे.

इसके बाद दोनों पक्ष के लोगों ने आपसी विमर्श करके यह निर्णय लिया कि सैकड़ों वर्ष पुराने बरगद को हटाया नहीं जा सकता है जबकि ईदगाह को कहीं भी स्थानांतरित किया जा सकता है. इसलिए ईदगाह को अब मूल खाते की जमीन पर बनवाया जाएगा, जिससे हिंदुओं को भी परिक्रमा आदि में दिक्कतें न हो.

राजस्व अभिलेखों में ईदगाह के खाते में दर्ज 8 बिस्वा जमीन की पैमाइश कराने के लिए कमेटी ने एडीएम को प्रार्थना पत्र दिया था, जिस पर 14 सितंबर को पैमाइश की तिथि तय की गई है.

पैमाइश के बाद ईदगाह को हटाकर मंदिर और बरगद के पेड़ के पास श्रद्धालुओं के लिए चबूतरे और वहां आसानी आ जा सकने के लिए सड़क का निर्माण कराया जाएगा.

करीब दो हजार की आबादी वाले इस गांव में करीब 200 परिवार हिंदूओं के हैं तो 50 परिवार मुस्लिम समाज के भी रहते है.

ईदगाह को हटाकर मंदिर बनवाने की एक अनूठी पेशकश है.