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पुनर्जन्म से जुड़े कुछ रोचक तथ्य – मृत्यु के बाद के फिर चलता है जिंदगी का सिलसिला

reincarnation

हिन्दू धर्म में भी में पुनर्जन्म का विशेष महत्व  है.

कहा जाता कि मौत सिर्फ शरीर की होती हैं आत्मा की नहीं.

क्या है पुनर्जन्म:-

पुनर्जन्म यह धारणा है कि कोई इंसान मौत  के बाद फिर से जन्म  लेता है. इस धारणा के अनुसार कोई मनुष्य जैसा कर्म करता हैं उसी के अनुसार फिर से जन्म लेता हैं. जन्म और मृत्यु दो अटल सत्य माने गए हैं. जो इंसान इस धरती पर जन्म लेता है उसे एक दिन इस दुनिया से जाना ही होता है, भले ही शरीर नष्ट हो जाए लेकिन आत्मा कभी नष्ट नहीं होती वो फिर से जन्म लेती हैं एक नए शरीर के रुप में.

नैनं छिन्दन्ति शस्त्राणि नैनं दहति पावकः
न चैनं क्लेदयन्त्यापो न शोषयति मारुतः 

इस श्लोक का अर्थ है आत्मा को शस्त्र काट नहीं सकते, आग जला नहीं सकती, जल गला नहीं सकता और वायु सूखा नहीं सकती.

श्री कृष्ण ने ये भी कहा, जिस प्रकार मनुष्य पुराने वस्त्रों को बदल कर नए वस्त्रों को धारण करता है, उस प्रकार जीव (प्राणी) भी पुराने शरीर को त्याग कर नया शरीर धारण करता हैं.

आईए  जानते है पुनर्जन्म से जुड़ी कुछ और रोचक जानकारी:-

1.  ऐसा नहीं हैं कि हर मौत के बाद को इंसान इंसान के रुप में ही जन्म ले. वो अगले जन्म में क्या बनेगा ये उसके कर्मों पर भी निर्भर करता है, कई बार मनुष्य को पशु योनि भी मिलती हैं.

2.  अधिकतर बार मनुष्य, मनुष्य के रूप में जन्म लेता है. लेकिन कई बार वो पशु रूप में भी जन्म लेता है जो कि उसके कर्मों पर निर्भर करता है.

3.  कई बार हम देखते हैं कि हम किसी का बुरा नहीं चाहते है, लेकिन फिर भी हमारे साथ बुरा होता है. इसकी वजह है पिछले जन्मों के कर्म जो कि मनुष्य को भोगना ही पड़ते हैं. ये बात अलग है कि अच्छे कर्मों की वजह से सुख भी मिलता हैं

4.  हिन्दू मानते हैं कि केवल यह शरीर ही नश्वर है जो कि मरने के बाद नष्ट हो जाता है. शायद इसीलिए मृत्यु क्रिया के समय सिर पर मारकर उसे तोड़ दिया जाता है जिससे कि व्यक्ति इस जन्म की सारी बातें भूल जाये और अगले जन्म में इस जन्म की बातें उसे याद ना रहे. उनका मानना है कि आत्मा बहुत ऊंचाई में आकाश में चली जाती है जो कि मनुष्य की पहुँच से बाहर है और यह नए शरीर में ही प्रवेश करती है.

5.  कहा जाता है कि मुक्ति सिर्फ मानव जन्म में ही मिलती है. कहते है कि मानव जीवन अनमोल है, इसके लिए उसे 84 लाख योनियों से गुजरना पड़ता हैं, तब जाकर मनुष्य जीवन मिलता हैं.

6.  पुराणों में कई कथाएं भी ‌म‌िलती हैं जो यह बताती हैं क‌ि मृत्यु के समय व्यक्त‌ि की जैसी चाहत और भावना होती है उसी अनुरूप उसे नया जन्म म‌िलता है. एक कथा राजा भारत की है जो ह‌िरण के बच्‍चे के मोह में ऐसे फंसे क‌ि अपने आखिरी वक्त में उसके ख्यालों में खोए रहे.  इसका परिणाम ये हुआ क‌ि पुण्यात्मा होते हुए भी वो अगले जन्म में पशु योनी में पहुंच गए और ह‌िरण बने.

7.  सबसे चौंकाने वाला तथ्य ये हैं कि इंसान सात बार पुरुष या स्त्री बनकर ये शरीर धारण करता है और उसे यह अवसर मिलता है कि वह अच्छे या बुरे कर्मों द्वारा अपना अगला भाग्य लिखे.

8.  कुछ ऋषियों के अनुसार पूर्वजन्म के समय हमारे दिमाग में हर चीज रहती है लेकिन बहुत कम बार ही ऐसा होता है कि इंसान को उसके पिछले जन्म की बातें याद रहें इसका मतलब है कि हमारे पूर्व जन्मों की बातें हमारे दिमाग में रिकॉर्ड रहती हैं लेकिन हम इन्हें कभी याद नहीं कर पाते हैं.

9.  पुनर्जन्म के लिए महाभारत में एक कथा का उल्लेख है कि भीष्म श्रीकृष्ण से पूछते हैं – आज मैं वाणों की शैय्या पर लेटा हुआ हूं,  आखिर मैंने कौन सा ऐसा पाप किया था जिसकी ये सजा है. भगवान श्री कृष्ण कहते हैं – आपको अपने छः जन्मों की बातें याद हैं लेकिन सातवें जन्म की बात याद नहीं है जिसमें आपने एक नाग को नागफनी के कांटों पर फेंक दिया था. यानी भीष्म के रुप में जन्म लेने से पहले उनके कई और जन्म हो चुके थे.

इन्हें अपने पूर्व जन्मों की बातें भी याद थी.

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महाभारत का एक प्रमुख पात्र है शिखंडी कथा है कि शिखंडी को भी अपने पूर्व जन्म की बातें याद थी. वो  अपने पिछले जन्म में काशी की राजकुमारी था, उस जन्म में हुए अपमान का बदला लेने के लिए ही इसने शिखंडी के रुप में जन्म लिया था.

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पुनर्जन्म का फार्मुला बॉलीवुड में बहुत पॉपुलर रहा हैं. जिसमें कर्ज, करन-अर्जुन, लव स्टोरी 2050, और डेंजर.

इश्क, मधुमति, नीलकमल, महल, अब के बरस, मिलन, लीला एक पहेली जैसी फ़िल्में पुनर्जन्म पर आधारित थी. हॉलीवुड में भी बोर्न अगेन,रीइंकॉर्नेशन ऑफ पीटर प्राउड, जैसी फ़िल्में पुनर्जन्म पर बनी हैं हालांकि पश्चिमी देशों में  इस धारणा को माना नहीं जाता हैं.