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रेप करते समय रेपिस्टों के दिमाग में चल रहा होता है ये!

रेप के दौरान

रेप के दौरान – भारत में आए दिन हमें रेप की खबरें सुनने को मिलतीं हैं।

हालांकि निर्भया कांड के बाद रेप की घटनाओं में गिरावट जरूर आई है लेकिन इसपर पूरी तरह से रोक नहीं लगी है। आज भी देश के किसी ना किसी कोने में आए दिन रेप होते हैं। कुछ खबरें मीडियां की सुर्खियां बन जातीं हैं तो कुछ दब कर रह जातीं हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि रेप करते समय रेपिस्ट के दिमाग में क्या चल रहा होता है। आखिर रेप जैसे घिनौने अपराध को अंजाम देने के दौरान रेपिस्ट क्या सोच रहा होता है।

आज यंगिस्तान आपको बताएगा कि रेप के दौरान रेपिस्ट क्या सोच रहा होता है।

औरतों को समझते हैं मनोरंजन का साधन:

ज्यादातर रेपिस्ट रेप करते समय सिर्फ यही सोचते हैं कि औरतें सिर्फ मनोरंजन के लिए ही होतीं हैं। रेपिस्ट के दिमाग में ये बी चल रहा होता है कि एक बार इनके साथ ऐसी हरकत करने के बाद इन्हें कचरे की तरह फेंक देना चाहिए। औरतों को मनोरंजन समझने वाले रेपिस्ट रेप करते समय अपने दिमाग में यही बात लाते हैं।

बदला लेने की सोच:

एक स्टडी में ये बात सामने आई है कि रेपिस्ट हमेशा रेप करते समय बदला लेने के बारे में सोच रहा होता है। स्टडी में बताया गया कि एकतरफा प्यार में सफलता ना मिल पाने के कारण रेपिस्ट अक्सर ऐसे गंदे काम को अंजाम देते हैं और वो इसे बदले की तरह मानते हैं।

खुद पर काबू ना रख पाना:

स्टडी में ये भी कहा गया कि ज्यादातर रेपिस्टों ने बाद में इस बात को माना कि वो खुद पर काबू नहीं रख पाए। उनका ये बी कहना होता है कि वो काफी कोशिशों के बाद भी अपने ऊपर काबू नहीं रख पाए और इस कारण ही वो ऐसे अपराध को अंजाम देते हैं।

ये होता है रेप के दौरान – ब्रिटेन में रहने वाली मधुमिता ने रेपिस्टों पर एक स्टडी की है और उन्होंने लगभग 100 रेपिस्टों से बातें की। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की आंकड़ों की मानें तो साल 2013 में निर्भया गैंगरेप के बाद भारत में 34,651 रेप की घटनाएं हो चुकीं हैं। इसमें कोई दोराय नहीं है कि रेप करने वालों को कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए ताकि फिर कोई इस घिनौने अपराध को अंजाम देने से पहले सौ बार सोचे।

जरूरत है कि हमारे समाज में उदाहरण पेश किए जाएं। ऐसे अपराधियों को सीधा फांसी पर लटकाया जाना चाहिए और इससे ही देश को ऐसी घटनाओं से मुक्ति मिलेगी।