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जानिए, रेप विक्टिम किन मानसिक स्थितियों का सामना करती हैं

रेप विक्टिम

रेप विक्टिम के साथ हुए हादसे को शब्दो में बयां करना नामुमकिन है लेकिन क्या आप जानते हैं कि बलात्कार से पीडित महिला मानसिक, शारीरिक और मनोवैज्ञानिक रूप से क्‍या म‍हसूस करती है।

इस भावना का वर्णन करना बेहद मुशकिल है लेकिन आज हम आपको बताने की कोशिश करेंगे कि आखिर बलात्कार किस तरह रेप विक्टिम को झकझोर कर रख देता है।

1 – डिप्रेशन

रेप पीडिता भावनात्‍मक रूप से टूट जाती है और उसका यह अनुभव शब्‍दों में बताया नहीं जा सकता। रेप के बाद लड़कियों को कई तरह की परेशानियों से गुज़रना पड़ता है जैसे कि उदास रहना, रोते रहना, भूख ना लगना, निराशा की भावना और अपने आप को थका हुआ महसूस करना। इसके कारण उनका वजन भी कम होने लगता है।

2 – नकनारात्मक विचार

इस दौर से गुज़रने वाली महिलाएं खुद को अकेला समझने लगती हैं और उनके अंदर नकारात्मक विचार जागने लगते हैं और वो सोचने लगती हैं कि वह इस समाज के काबिल नहीं रहीं हैं और अपने परिवार के लिए कलंक बन चुकी हैं।

3 – यौन संक्रमण

यह एक प्रकार का बैक्टीरिया माना जाता है जो कि यौन सम्पर्क के दौरान एक व्‍यक्‍ति से दूसरे व्यक्ति में प्रवेश करता है। यह संक्रमण के संचरण का मुख्य कारण होता है और पीडिता को शारीरिक रूप से कमजोर बना देता है।

4 – आत्महत्या की कोशिश

रेप से पीडित व्यक्ति जो सबसे बडा कदम उठाता है वो होता है आत्महत्या का, और यह एक ऐसी चीज है जिसे लगभग हर केस में देखा गया है। रेप विक्टिम खुद को खत्म करने की कोशिश करती है और मौका पाते ही इसे अंजाम भी दे डालती है।

हमारी आप सभी लोगों से यह विनती है कि रेप विक्टिम की ना केवल सामाजिक रूप से सहायता करें बल्कि उन्हें सकारात्मक बनाएं और दिमागी तौर पर मजबूत बनाने में मदद करें।