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पेशा है बार्बर का मगर शौक से लगता है विजय माल्या !

रमेश बार्बर

रमेश बार्बर – एक विज्ञापन की लाइन ‘शौक बड़ी चीज़ है’।

अगर देखा जाए तो कई बड़े लोगों ने अपने शौक के पीछे ऊंचे मुकाम हासिल किये हैं। ऐसा ही एक व्यक्ति है जो अपने लग्जरी कारों के शौक की खातिर, अरबपति बन गया है ।

जी हां, बेंगलुरु निवासी रमेश जिन्हें लोग रमेश बार्बर के नाम से जानते हैं क्योंकि बार्बर इनका महज़ पेशा है।

मगर इनके शौक विजय माल्या से कमतर नहीं है। वह इसलिये कि पेशे से रमेश बार्बर, असल में लग्जरी कारों का शौकीन है और लग्जरी कारें ऐसी जो देश में केवल कारोबारी विजय माल्या के पास है। मतलब मर्सडीज़-मएबैच। लेकिन अब विजय माल्या के अलावा यह कार रमेश के पास भी है। आपको यह भी बता दें कि मर्सडीज़- मएबैच, जर्मनी में मैन्युफेक्चर होने वाली 32 करोड़ रुपये की मर्सडीज़ है।

अपने लग्जरी कारों की शौक की वजह से रमेश बार्बर वर्ष 2011 में तब सुर्खियों में छाया, जब रमेश ने रॉयल रॉएस कार खरीदी थी। यह उस वक्त चौंका देने वाली ख़बर थी कि कैसे एक बार्बर रॉयल रॉएस कार खरीद सकता है। लेकिन देखते ही देखते, रमेश पास के पास 11 मर्सडीज़, 10 बीएमडब्ल्यू, 3 ऑडी और 2 जगौर हैं। कुल मिला कर रमेश आज 150 कारों का मालिक है।

बेंगलुरु स्थित रमेश बार्बर का यह शौक तब परवान पर चढ़ा, जब उन्होंने टूर एंड ट्रेवल का व्यवयास शुरू किया था। शुरुआत में रमेश मारुति ओमनी वैन किराये पर चलाते थे। मगर कारों के शौक ने उन्हें लग्जरी कारों के सपने भी दिखा दिए, जो उन्होंने सच भी कर दिए हैं। हालांकि रमेश, इन लग्जरी को बतौर व्यवसाय के लिये इस्तेमाल भी करते हैं, जो उनके बार्बर पेशा के साथ कामयाब है।

रमेश की यह बातें विजय माल्या की याद दिला देते हैं।

लेकिन रमेश बार्बर, सिर्फ अपने लग्जरी कारों के शौक की वजह से माल्या जैसा है हालांकि, रमेश ने माल्या जैसा बैंकों से करोड़ों का कर्ज नहीं लिया है।

अपने इस शौक के बावजूद, बेंगलुरु का रहने वाला रमेश ने अपना बार्बर का पेशा नहीं छोड़ा है। उन्होंने कहा है कि किसी को अपना पुराना समय भूलना नहीं चाहिए, वह आगे कहते हैं आज जो उनका बड़ा नाम हुआ है, वो सिर्फ इस धंधे के कारण। इसलिये मैं इस धंधे को कभी नहीं छोड़ना चाहता हूं।

शायद यह वजह है कि रमेश ने आजतक बाल काटने की कीमत 75 रुपये रखी है।

तो बेंगलुरू स्थित रमेश बार्बर की इन बातों को पढ़कर यह कह सकते हैं कि बार्बर रमेश पेशे से तो बाल काटता है मगर उसके सिर्फ शौक, विजय माल्या जैसे है। लेकिन नीयत माल्या के समान नहीं है।

 

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