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एक ऐसा इस्लामिक देश जहाँ बच्चों के जन्म पर कराया जाता है रामायण का पाठ!

रामायण का पाठ

इस्लामिक देश में रामायण का पाठ !

रामायण भारत का सबसे बड़ा ग्रन्थ और पूजनीय पुस्तक है.

रामायण की रचना भारत देश में हुई इसलिए रामायण को भारत की धरोहर और भारतीय सस्कृति की विरासत कही जाती है.

भारत में लगभग हर हिन्दू घर में रामायण की किताब देखी जा सकती है. रामायण को  हिन्दुओं का धर्म काव्य भी कहा जाता है और इसलिए उसके प्रति धार्मिक आस्था और श्रद्धा रखी जाती है.

लेकिन एक देश ऐसा भी है जो पूर्णतः मुस्लिम देश है और उस मुस्लिम देश में रामायण के प्रति जितनी आस्था और श्रद्धा है उतना शायद भारत के हिन्दुओं में भी नहीं होगी.

तो आइये जानते हैं कौन सा देश है जो भारतियों से ज्यादा रामायण को महत्व देता है.

इंडोनेशिया एक मुस्लिम बाहुल्य देश है.  यहाँ की 90 आबादी सिर्फ मुस्लिम है लेकिन इस मुस्लिम देश में भी आज सबसे ज्यादा रामायण की कथा, पूजा और रामायण का पाठ होता है.

रामायण को अपनी पारम्परिक धरोहर के रूप में अपने आने वाली पीढ़ियों को अनिवार्य रूप से ज्ञान के रूप में  दिया जाता है.

रामायण और रामकथा इंडोनेशिया में सांस्कृतिक विरासत बन चुकी है. इस इस्लाम देश में कुरआन से ज्यादा रामायण का महत्व है. यहाँ रामायण को  रामायण ककविन कहते है. काकविन अर्थ महाकाव्य होता है. इसकी रचना कावी भाषा में की गई है. कावी जावा की प्रचीन शास्त्रीय भाषा रही  है .

रामायण एक ऐसा महाकाव्य जिसमे एक उच्च चरित्र की रचना की गई है. एक इंसान के कर्तव्य, जीवन और चरित्र का वर्णन कर समाज में एक अच्छे मानव का परिचय दिया है इसलिए इंडोनेशिया में लोग राममायन  को जीवन का अभिन्न अंग मानते है. अपनी सांस्कृतिक विरासत मानकर अपने आने वाली पीढ़ीयों को एक आर्दश जीवन और आदर्श मानव के रूप में स्थापित करने के लिए  ‘रामायण की  शिक्षा और संस्कार को अपने बच्चो को प्रारंभिक शिक्षा के रूप में देने के लिए रामायण का महत्व सिखाते है.

यहाँ लोग रामायण से इतने प्रभावित है कि इस्लाम धर्म में रह कर भी रामायण को अपनी विरासत मानते हुए हर बच्चे के जन्म और उत्सव में रामायण का पाठ करते है.

एक प्रसिद्ध हिंदी लेखक फादर कामिल बुल्के अपनी एक लेख में सन  1982 लिखा था : – “35 वर्ष पहले मेरे एक मित्र ने जावा के किसी गांव में एक मुस्लिम शिक्षक को रामायण पढ़ते देखकर पूछा था कि आप रामायण क्यों पढ़़ते हैं?” उत्तर मिला, “मैं अच्छा मनुष्य बनने के लिए रामायण पढ़ता हूं.”

रामायण के प्रति जितना आदर और सम्मान इस देश में है उतना शायद ही कही और देखने को मिलेगा.

भारत तक में रामायण को इतना महत्व और सम्मान ही देते जितना इंडोनेशिया के मुसलमानो के मन में हैं.