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5 कारण जो आपको अनुराग कश्यप की फिल्म रमन राघव 2.0 देखनी चाहिए!

रमन राघव 2.0

अगर आप सस्पेंस, थ्रिलर फिल्मों के शौकीन हैं तो आपको निर्देशक अनुराग कश्यप की फिल्म रमन राघव 2.0 ज़रूर देखनी चाहिए.

इस फिल्म के ज़रिए एक साइको किलर की मनोवैज्ञानिक दशा और उसकी हैवानियत को बड़ी ही खूबसूरती दिखाने की कशिश की गई है.

निर्देशक अनुराग कश्यप लीक से हटकर फिल्मे बनाने के लिए जाने जाते हैं और सिनामेघरों में रिलीज़ हुई फिल्म रमन राघव 2.0 को दर्शकों की अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है.

तो आइए जानते है अनुराग कश्यप की फिल्म रमन राघव 2.0 क्यों देखनी चाहिए

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1.  साइको किलर बने हैं नवाजुद्दीन

रमन राघव 2.0  में नवाजुद्दीन सिद्दीकी साइको किलर रमन की मुख्य भूमिका निभा रहे हैं. फिल्म में रमन की मनोवैज्ञानिक दशा ठीक नहीं होती है. उसका साइको दिमाग उससे कई मर्डर करवाता है.

एक दिन रमन खुद पुलिस के पास जाकर सात मर्डर करने की बात कूबल करता है. पर पुलिस उसकी बात को गंभीरता से नहीं लेती है. जिसके बाद उसका साइको दिमाग एक बार फिर उसे अपनी बहन, उसके पति और अपने भांजे को मौत के घाट उतारने के लिए मजबूर कर देता है.

2.  पुलिस के किरदार में विकी कौशल

एक के बाद एक लगातार सात लोगों को मौत के घाट उतारनेवाले रमन को पकड़ने की ज़िम्मेदारी राघव यानि विकी कौशल को दी जाती है. पुलिस बने राधव अपनी प्रेमिका सिम्मी यानि सोभिता धुलिपाला से प्यार करते है. इंस्पेक्टर के रुप में विकी कौशल अपने किरदार में जान डालने की कोशिश करते नजर आ रहे हैं.

3.  नवाजुद्दीन का दमदार अभिनय

जहां तक अभिनय की बात है तो नवाजुद्दीन कभी इसमें कोई कसर नहीं छोड़ते. साइको किलर बने रमन अपने इस किदराद के ज़रिए फिल्म में खौफ पैदा करते हैं. तेज़ आवाज़ के बैकग्राउंड म्यूज़िक में भी नवाजुद्दीन के कम आवाज में बोले गए डॉयलॉग्स अपना असर दिलो दिमाग तक छोड़ते हैं.

4.  थ्रिलर से भरपूर है फिल्म

फिल्म रमन राघव 2.0 थ्रिलर और सस्पेंस से भरपूर है. पूरी फिल्म में थ्रिलर को बनाए रखने में अनुराग कश्यप कामयाब साबित हुए हैं.

दरअसल फिल्म की कहानी एक वास्तविक घटना से मिलती है. कहा जाता है कि 1969 में मुंबई के रमन राघव नामक कुख्यात हत्यारे ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया था. उसने तकरीबन 41 हत्याएं की थी और शहर में दहशत का माहौल बना दिया था. इसी वास्तविकता को फिल्म के ज़रिए दिखाने की कोशिश की गई है.

5.  60 के दशक को किया खूबसूरती से पेश

इस फिल्म में 60 के दशक को दिखाने के लिए अनुराग कश्यप के साथ उनके पूरे क्रू मेंबर्स ने काफी मेहनत की है, जो इस फिल्म में साफ तौर से देखा जा सकता है.

बहराहल रोमांच से भरी इस फिल्म में नवाजुद्दीन की भूमिका देखते ही बनती है. उनका अभिनय फिल्म में एक अलग रंग बिखेरता है, जो दर्शकों को खूब भा रहा है.