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…तो भविष्य का राम मंदिर ऐसा होगा ! देखें अयोध्या के राम मंदिर की ये दिलचस्प तस्वीरें !

भविष्य के राम मंदिर की तसवीरें

भविष्य के राम मंदिर की तसवीरें – अयोध्या में रामजन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद एक राजनीतिक, ऐतिहासिक, सामाजिक और धार्मिक विवाद है, यह विवाद करीब 490 साल पुराना है.

सैकड़ों साल पुराना यह  विवाद पिछले तीन दशकों के भारत की राजनीति का सबसे अहम हिस्सा बना हुआ हैऔर एक बार फिर से ये विवाद काफी सुर्खियां बटोर रहा है.

बीजेपी ने देश में चुनाव से पहले जनता से वादा किया था कि वो अयोध्या में राम मंदिर बनाएंगे और अब जब उत्तर प्रदेश में भी बीजेपी की सत्ता आ गई तो फिर ऐसे में इस मामले का जोर पकड़ना लाजमी है.

आपको बता दें कि बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट से यह आग्रह किया था कि अयोध्या के राम मंदिर मुद्दे पर कोर्ट रोजाना सुनवाई करे और जल्द से जल्द इसपर अपना फैसला सुनाएं. इसी मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में इस मुद्दे पर अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि राम मंदिर के मुद्दे पर दोनों पक्षों को साथ बैठकर कोर्ट के बाहर ही इसका हल निकालना चाहिए. कोर्ट ने यह भी कहा कि जरूरत पड़ने पर ही सुप्रीम कोर्ट इसमें मध्यस्थता करेगा.

सुप्रीम कोर्ट के इस निर्देश के बाद से देशभर के सोशल मीडिया पर एक बार फिर अयोध्या के राम मंदिर को लेकर बहस तेज हो गई है. इतना ही नहीं लोग सोशल मीडिया पर जयश्रीराम के जयकारे के साथ भविष्य के राम मंदिर की प्रतिकात्मक तस्वीर भी शेयर कर रहे हैं.

अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर का स्वरुप कैसा होगा. इसे बताने के लिए हम आपको दिखाने जा रहे हैं भविष्य के राम मंदिर की तसवीरें. ये भविष्य के राम मंदिर की तसवीरें देखकर आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं कि अयोध्या का राम मंदिर कैसा होगा.

भविष्य के राम मंदिर की तसवीरें – 

लगातार जारी है पत्थरों को तराशने का काम

अयोध्या में रामजन्मभूमि न्यास की ओर से प्रस्तावित राम मंदिर के इस मॉडल को हकीकत में तब्दील करने के लिए पत्थरों को तराशने का काम साल 1992 से लगातार जारी है.

राम जन्मभूमि न्यास कार्यशाला में पत्थरों को तराशनेवाले शिल्पकारों की मानें तो साल 1992 से अब तक यहां करीब 1 लाख 25 हजार स्क्वायर फुट पत्थर पहुंचे हैं जिन्हें तराशने का काम लगातार जारी है. लेकिन प्रस्तावित राम मंदिर के पूरे ढांचे को तैयार करने के लिए अभी भी करीब 75 हजार स्क्वायर फुट पत्थरों की कमी है.

वहीं राम मंदिर के निर्माण को लेकर विश्व हिंदू परिषद के लोगों का कहना है कि इस मंदिर के निर्माण का काम कभी रुका ही नहीं. अयोध्या की इस कार्यशाला में हर तरफ कुछ ना कुछ होता ही रहता है जिसे देखकर मंदिर के निर्माण की तैयारी का अंदाजा लगाया जा सकता है.

भविष्य के राम मंदिर की तसवीरें – इस विवाद के इतिहास पर एक नज़र

बीजेपी ने समय-समय पर इस विवाद को उठाया और अब जब 16 साल बाद उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने एक बार फिर सत्ता में वापसी की है तो अयोध्या विवाद सुलझाने पर चर्चा काफी तेज हो गई है.

ऐसे में इस विवाद के इतिहास के बारे में जानना भी हर किसी के लिए जरूरी है. माना जाता है कि सैकड़ों साल पुराने इस विवाद की शुरुआत 1528 में हुई थी.

साल 1528

भारत में बाबर के हमले और कब्जे के दो साल बाद साल 1528 में बाबर ने ही बाबरी मस्जिद का निर्माण करवाया था. लेकिन हिंदू संगठनों ने दावा किया कि इस मस्जिद का निर्माण यहां पर पहले से मौजूद मंदिर को तोड़कर किया गया है.

साल 1853

अंग्रेजों के शासनकाल में पहली बार अयोध्या में 1853 में सांप्रदायिक दंगे हुए. साल 1859 में अंग्रेजों ने इस विवादित स्थल पर बाड़ लगा दी और परिसर के भीतरी हिस्से के दो हिस्से कर दिए. एक हिस्सा मुसलमानों को और दूसरा हिस्सा हिंदुओं को देकर प्रार्थना करने की अनुमति दे दी.

साल 1949

साल 1949 में भगवान श्रीराम की मूर्तियां मस्जिद के अंदर पाई गईं. जिसके बाद दोनों पक्षों में विवाद गहरा गया और दोनों पक्षों ने अदालत में ज़मीन को लेकर मुकदमा दायर किया जिसके बाद यहां ताला लगा दिया गया.

साल 1984

विश्व हिंदू परिषद के नेतृत्व में कुछ और हिंदू संगठनों ने मिलकर 1984 में राम मंदिर का निर्माण करने के लिए एक समिति का गठन किया. साल 1986 में जिला मजिस्ट्रेट ने हिंदुओं को प्रार्थना करने के लिए विवादित मस्जिद के दरवाजे पर लगा ताला खोलने का आदेश दिया और मुसलमानों ने इसके विरोध में बाबरी मस्जिद संघर्ष समिति का गठन किया.

साल 1989

विश्व हिंदू परिषद ने राम मंदिर निर्माण के लिए विवादित स्थल के नजदीक साल 1989 में राम मंदिर की नींव रखी. साल 1990 में बीजेपी के तत्कालीन अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी ने राम मंदिर के लिए जनसमर्थन जुटाने के उद्देश्य से देशभर में रथयात्रा निकाली.

साल 1992

विवादित स्थल पर राम मंदिर की नींव रखने के तीन साल बाद साल 1992 में विश्व हिंदू परिषद, शिव सेना और बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने मिलकर 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद के ढांचे को ध्वस्त कर दिया. जिसके बाद देशभर में सांप्रदायिक दंगे भड़क उठे और जिसमें 2000 से भी ज्यादा लोग मारे गए.

साल 2002

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने इस विवादित स्थल के मालिकाने हक की सुनवाई शुरू कर दी. साल 2002 के फरवरी महीने में गुजरात के गोधरा में ट्रेन में आग लगा दी गई, जिसमें अयोध्या से कारसेवक लौट रहे थे. इस हादसे में 58 लोगों की मौत हो गई. इसके बाद गुजरात में सांप्रदायिक दंगे हो गए जिसमें 1000 से भी ज्यादा लोग मारे गए.

साल 2003-04

साल 2003 में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से विवादित स्थल पर पूजापाठ की अनुमति देने का अनुरोध किया जिसे कोर्ट ने ठुकरा दिया. जिसके बाद अप्रैल में इलाहाबाद हाइकोर्ट के कहने पर पुरातत्व विभाग ने विवादित स्थल की खुदाई शुरू की. खुदाई के बाद आई रिपोर्ट में कहा गया कि उसमें मंदिर से मिलते जुलते अवशेष मिले हैं.

इसके बाद मई महीने में सीबीआई ने 1992 में अयोध्या में बाबरी ढांचा गिराए जाने के मामले में लालकृष्ण आडवाणी सहित आठ लोगों के ख़िलाफ पूरक आरोपपत्र दाखिल किए.

साल 2004 में लालकृष्ण आडवाणी ने आयोध्या में अस्थायी राम मंदिर में पूजा की. इस मौके पर उन्होंने कहा कि राम मंदिर का निर्माण जरूर किया जाएगा.

साल 2009-10

30 जून 2009 को बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के मामले की जांच के लिए गठित लिब्रहान आयोग ने अपनी रिपोर्ट तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को सौंपी.  ये रिपोर्ट संसद के दोनों सदनों में पेश की गई.

साल 2010 में इस विवाद पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए विवादित जमीन को निर्मोही अखाड़ा, राम लला और सुन्नी वक्फ बोर्ड के बीच बराबर बांटे जाने का फैसला सुनाया. लेकिन हिंदू और मुस्लिम दोनों ही पक्षों ने कोर्ट के फैसले को मानने से इंकार कर दिया. इसके बाद दोनों ही पक्षों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.

साल 2017

साल 2017 के शुरूआत में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर बीजेपी ने राम मंदिर का मुद्दा उठाना शुरू किया. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मुद्दे के निपटारे के लिए दोबारा से बातचीत के जरिए रास्ता निकाले जाने की बात कही और इस मामले में जल्द सुनवाई करने से इंकार कर दिया.

ये है भविष्य के राम मंदिर की तसवीरें – बहरहाल बीजेपी का कहना है जल्द ही अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा. अगर बीजेपी अपनी इस कथनी को करनी में तब्दील करने में कामयाब हो जाती है तो ये भविष्य के राम मंदिर की तसवीरें हकीकत बन सकती है – अयोध्या के राम मंदिर की इस प्रतिकात्मक तस्वीर हकीकत बनते देर नहीं लगेगी.