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इन दिनों आतंकवादियों से ज्यादा चर्चा में हैं ये बम वाली लेडी

पाकिस्तान में इन दिनों हर किसी की जुबान पर बस एक ही नाम है वह है रफिया कासिम बेग का.

आए दिन बम धमाकों के कारण चर्चा में रहने वाले पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की रफिया कासिम बेग जब से बमनिरोधक दस्ते में शामिल हुई हैं तब हर कोई उनके ही नाम की चर्चा कर रहा है.

पुलिस विभाग में बम वाली लेडी के नाम से चर्चित रफिया बॉम्ब डिस्पोजल यूनिट में शामिल होने वाली पाकिस्तान की पहलीमहिला हैं.

आपको बता दें कि कटरपंथियों और आतंकवाद के लिए कुख्यात पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की रफिया ने इंटरनेशनल रिलेशंस में मास्टस करने साथ इकॉनोमिक्स में भी मास्टर्स डिग्री ले रखी है. पुलिस की नौकरी करने से पहले वह प्राइवेट नौकरी करती थी. रफिया के पुलिस में शामिल होने के पीछे एक कहानी है.

दरअसल, एक पढ़े लिखे परिवार से ताल्लुक रखने वाली रफिया इंटरनैशनल रेस्क्यू कमिटी में काम करती थी.

जिस वक्त रफिया इंटरनैशनल रेस्क्यू कमिटी में काम कर रही थी उस दौरान वर्ष 2009 में पाकिस्तान में सेशन कोर्ट के बाहर ब्लास्ट हुआ था. उस ब्लास्ट के दौरान रेस्क्यू टीम के साथ काम करते हुए रफिया कासिम बेग ने तय किया कि वह अब भविष्य में पुलिस फोर्समें शामिल होकर उसके साथ काम करेगी.

जानकारी के लिए बता दें कि रफिया कासिम बेग उस बचाव दल की इकलौती महिला सदस्य भी रह चुकी हैं जिसने लेडी रीडिंग अस्पतालके चिकित्सक को बचाया था. गौरतलब है कि इस चिकित्सक को 2010 में अगवा कर लिया गया था।

रफिया ने अपनी नौकरी के दौरान ही एलएलबी में दाखिला लिया था जिसकी पढ़ाई अभी तक चल रही है. रफिया को उनकी पढ़ाईऔर शैक्षिक योग्यता को देखते हुए कई सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों ने उन्हें अपने यहां नौकरी के लिए ऑफर दिया लेकिन उन्होंने आराम और पैसे की नौकरी को छोड़कर पुलिस की चुनौती एवं जोखिम भरी फोर्स में शामिल होने का तय किया.

खबर हो कि खैबर पख्तूनख्वा प्रांत पाकिस्तान का वह क्षेत्र है जहां आतंकवादी अकसर सुरक्षाबलों को निशाना बनाकर हमले करते हैं.ऐसे में उस क्षेत्र में पुलिस की नौकरी करना खासकर किसी महिला के लिए तो अपने आप में एक साहसिक फैसला है.

पुलिस बल में नियुक्ति के बाद रफिया कासिम बेग को पेशावर के अदेजई, मिचनी और सलमान खेल जैसे इलाकों में ट्रेनिंग के लिए जाना पड़ाथा. आतंकवाद को देखते हुए पाक में ये इलाके रेड जोन घोषित हैं. यहां 31 पुरुष साथियों के साथ अकेली रफिया कासिम बेग ने 15 दिनों तक बम निष्क्रिय करने की ट्रेनिंग ली है.

आज अपने इसी हिम्मत और जुनून के चलते ही रफिया कासिम बेग न केवल पाक पुलिस में बल्कि पूरे देश में चर्चा का केंद्र बनी हुई है।

Vivek Tyagi

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