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इसको पढ़कर जान सकते हैं कि आप विजेता है या पराजित!

विजेता

हर इंसान विजेता कहलाना पसंद करता हैं.

लेकिन सच में विजेता है या परास्त यह कोई नहीं जान पाता. क्योकि कभी कभी जीत कर भी हार महसूस होता है और हार कर भी जीत का एहसास होता है.

अगर आप विजेता हैं तो आप में यह सारे गुण जरुर होंगे.

तो आइये जानते है कौन से गुण आपको विजेता और परास्त दिखाते है.

1. प्रोत्साहित  करना

एक विजेता हार कर भी प्रोत्साहित रहता है और औरों को भी करता है, जो उसका विजेता होना प्रदर्शित करता है. उसकी बातों में, उसकी आदतों में, उसके सोच में, सब में सिर्फ प्रोत्साहन देखने को मिलता है, जो इंसान के अंदर प्रोत्साहन भरता है. इंसान की आंतरिक शक्ति को बढ़ा देता है. जबकि एक असफल इंसान कभी किसी को प्रोत्साहित नहीं कर पाता. हर किसी को नीचा दिखाने की कोशिश में खुद इतना नीचे गिर जाता है कि उसके बातों से सलाह से उसका परास्त होना झलकता है.

2. सही दिशा दिखाना

एक विजेता हमेशा सही रास्ता दिखाता है. मंजिल तक पहुँचने के उपाय सिखाता है. कभी किसी को उसके लक्ष्य से भटकने नहीं देता. उसके बताये रास्ते से एक नासमझ को भी कामयाबी की दिशा का ज्ञान हो जाता है. जबकि एक असफल इंसान हमेशा लक्ष्य से भटकाने की कोशिश करता है. लक्ष्य भूलने, छोड़ने या वापस लौट जाने की दिशा दिखाता है.

3.  सकारात्मक बात करना

एक विजेता हमेशा सकारात्मक बाते करता है. उसकी बातों में इतनी ताकत होती है की वह नकारात्मक चीजो के प्रति मन से डर खत्म कर देता है. उसकी बातों में इतनी शक्ति होती है कि वह किसी भी इंसान को जोश और समझदारी से भर देता है. लेकिन एक असफल इंसान लोगो को हमेशा ऐसे उदाहरण देता है. जिससे सामने वाला डर जाए या अपने लक्ष्य को छोड़ दे. हमेशा नकारात्मक बाते बोलता है और दुसरो के उम्मीद तोड़ने की कोशिश करता है.

4.  जीत का हुनर सिखाना

एक विजेता हमेशा कामयाब बनने के गुण सिखाता है क्योकि उसमें मंजिल पाने का हुनर आ गया होता है. अपनी जिंदगी के तजुर्बे से सीखा हुआ सही सीख और किसी भी परिस्थिति से ना हारने या लड़ने का हुनर बताता है. जबकि एक असफल इंसान घमंड से भरा हुआ होता है उसको लगता है की उसको कामयाबी नहीं मिली तो किसी को नहीं मिलेगी. वह हमेशा सामने वाले को कमजोर समझता और दिखता है क्योकि उसको डर होता है कि उसकी नाकामयाबी किसी को पता ना चले इसलिए वह लोगो को हमेशा बेकार बाते बोलता है क्योकि उसमे खुद कोई हुनर नहीं होता तो वो किसी और को हार मानकर जाने के अलावा और कुछ नहीं सीखा सकता.

अगर आप विजेता है तो आपमें लोगो को आगे बढ़ने, प्रोत्साहित करने, सही दिशा दिखाने, सकारात्मक बात करने, और हुनर सिखाने का गुण जरुर होगा और अगर आप लोगो को हारना, अपना लक्ष्य छोड़ना, उनकी गलतियों का प्रदर्शन कर नीचा दिखाते है तो आप असफल इंसान ही हैं.  

हारना असफल इंसान की निशानी नहीं लेकिन दूसरों को नीचा दिखाकर हतोत्साहित करना जरुर एक असफल इंसान की निशानी होती है.

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