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पुणे के मदरसे में बच्चों के साथ हो रहा था इतना गंदा काम, जानकर रूह कांप जाएगी

मदरसे में बच्चों का यौनशोषण

मदरसे में बच्चों का यौनशोषण – मदरसों में मुस्लिम बच्चों को पढ़ाया जाता है, अधिकांश मदरसे शिक्षा के नाम पर बस रूढ़ीवादी धार्मिक बातें ही बच्चों को सिखाते हैं और तो और कुछ मदरसे सो शिक्षा के नाम पर बच्चियों के साथ ऐसा घिनौना काम करते हैं कि जानकर आपकी रूह कांप जाएगी.

ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहाँ के मदरसे में बच्चों का यौनशोषण हुआ है.

मदरसे में बच्चों का यौनशोषण –

पुणे के मदरसे के मौलवी को बच्चों के यौन शोषण के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.

मदरसे में बच्चों का यौनशोषण की वजह से मदरसे से दो बच्चे हाल ही में भाग गए थे और उनके बयान के आधार पर ही आरोपी मौलवी को गिरफ्तार किया गया. बच्चों ने बताया कि वह हाल ही में यहां से इसलिए भाग गए थे क्योंकि संस्थान में आने वाले मौलवियों में से एक उनका यौन शोषण करता था. मदरसे से भागकर दोनों बच्चे रेलवे स्टेशन पहुंचे जहां आरपीएफ को उनपर शक हुआ और उन्होंने बच्चों के लिए काम करने वाली एक संस्था को इसके बारे में बताया. संस्था के सदस्यों ने बच्चों से बात की और पूरा मामला सामने आया. इस मामले में बाल अधिकार कार्यकर्ता डॉ यामिनी आदबे ने पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराई थी और उनकी शिकायत पर ही पुलिस ने मौके पर पहुंचकर तलाशी ली और मदरसे के मौलवी को गिरफ्तार कर लिया. साथ ही पुलिस ने मदरसे से 36 बच्चों को भी छुड़ाया.

मौलवी के खिलाफ जुवेनाइल जस्टिस और पॉस्को एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया गया है.

21 वर्षीय मौलवी रहीम बिहार का रहने वाला बताया जा रहा है. वहीं, मदरसे में रहने वाले अधिकतर बच्चे भी बिहार के ही थे.

दो बच्चों की सूझबूझ और बाल कल्याण समिती की मदद से पुणे के मदरसे के इन बच्चों को तो बचा लिया गया, मगर हमारे देश में ऐसे एक नहीं सैंकड़ों मदरसे हैं जहां शिक्षा के नाम पर बच्चों का यौण शोषण होता रहता है और हैरानी की बात तो ये है कि घरवालों को इसकी परवाह भी नहीं रहती. ऐसे हर मदरसे तक मीडिया भी नहीं पहुंच पाती, इसलिए उनका काला सच सामने नहीं आ पाता. मदरसो और अन्य शिक्षण संस्थाओं में मासूम बच्चियों की शोषण की घटनाए बेहद आम होती जा रही है, जिससे बहुत सख्ती से निपटे जाने की ज़रूरत है.

मदरसे में बच्चों का यौनशोषण – धर्म और शिक्षा के नाम पर बच्चों के साथ ऐसी घिनौनी हरकत करने वाले मौलानाओं को कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए, ताकि उनके बाकी साथियों को सबक मिले और वो कुछ भी गलत करने से पहले सौ बार सोचें.