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प्रणव धनावडे के लिए क्या एक जुट होंगे भारतीय या यह काबिल युवा भी पक्षपात की बलि चढ़ेगा!

प्रणव धनावडे

आज से 6 माह पहले सचिन तेंदुलकर ने जिस प्रणव को  1009 रन बनाने की ख़ुशी में  बधाई और शुभकामनायें दी थी, उसी प्रणव धनावडे  को अगर सच में  U-16 क्रिकेट टीम में सेलेक्ट नहीं किया गया है तो यह देश का दुर्भाग्य होगा.

जहाँ एक तरफ प्रणव धनावडे आरक्षण की मात झेल रहे हैं, वही दूसरी तरफ अमीरों के पक्षपात के कारण दबा दिए जा रहे हैं.

हाल ही में प्रणव धनावडे ने  117 साल का पुराना रिकॉर्ड तोड़ा था 1899 में A J Collins ने  सर्वाधिक 629 रन का रिकॉर्ड बनाया था, जिसको 652 रन बनाकर प्रणव ने  तोडा था.

प्रणव धनावडे

प्रणव ने  323 गेंदों में 1009 रन जिसमे  59 छक्के और 129 चौके लगाए थे, जो कि अपने आप में एक बहुत बड़ा रिकॉर्ड है.

जिसकी बधाई सचिन तेंदुलकर द्वारा भी प्रणव धनावडे को दी गई थी, लेकिन इंडियन टीम में सलेक्ट होने के लिए प्रणव की यह काबिलियत काफी नहीं थी.

जब कि वही वाइरल हो रहे खबरों के मुताबिक़ अर्जुन तेंदुलकर जिनके पास प्रणव जितनी काबिलियत नहीं, लेकिन पिता का नाम सचिन तेंदुलकर होना ही भारतीय टीम में सलेक्ट होने के लिए काफ़ी समझा गया.

भारत में यह सब ऐसे ही चलता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब भारत मूर्खों का देश कहा जाने लगेगा. जो काबिलियत को अनदेखा कर हैसियत को महत्व दे रहा है.

काबिलियत धर्म, जाति, वंश, लिंग या अमीरी – गरीबी देखकर नहीं आती. काबिलियत उस इंसान की गुणों से आती है.

दुनिया की सबसे बड़ी युवा शक्ति भारत में है, जो आज आरक्षण और पक्षपात की मार से कुचली जा रही है.

मुझे लगता है सारे काबिल युवाओं को प्रणव के लिए सामने आकर एक आवाज़ उठानी चाहिए, नहीं तो काबिलियत ऐसे ही आरक्षण या पहचान वालों के हाथो खत्म  होती  रहेगी.

अर्जुन तेंदुलकर टीम में रहे  या ना रहे उससे लेना देना नहीं.  हो सकता है  टीम सलेक्ट करने वालो को अर्जुन में कोई काबिलियत दिखी होगी इसलिए उसका सलेक्शन हुआ हो.

लेकिन प्रणव धनावडे को टीम में ना रखे जाने का जवाब हर काबिल युवाओं को सामने आकर एक जुट होकर मांगना चाहिए.