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बिहार की खूंखार लेडी डान जो जेल में बैठकर कराती थी व्यापारियों का अपहरण

माता-पिता का सपना था कि बेटी पढ़े लिखे और अपने माँ-बाप का खूब नाम रोशन करे.

इसलिए ही बेटी को बेटे की तरह पाला गया था और स्कूल से आगे कालेज के लिए भेजा गया था.

लेकिन शायद पूजा पाठक को जल्दी पैसा कमाना था और जल्दी ही अपने नाम से लोगों को डराना था. आज भी पूजा पाठक के नाम से पूरे बिहार में ही एक अजब-सा खौफ बना हुआ है. जेल में रहते हुए भी पूजा पाठक जिसको चाहे उसका अपहरण करा लेती थी.

पूजा पाठक को जेल में ही शूटर मुकेश पाठक से प्यार हुआ था और दोनों ने जेल में ही शादी कर ली थी.

लेकिन असल हंगामा तब हुआ था जब पूजा जेल में ही प्रेग्नेंट हो गयी थी. आपको याद दिला दें कि मुजफ्फरपुर के चर्चित नीरज अपहरण कांड की मुख्य अभियुक्त पूजा पाठक को मुज़फ्फरपुर एडीजे तीन वेद प्रकाश ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी.

पूजा पाठक

कौन है पूजा पाठक?

पूजा पाठक के बारें में अगर जानना हो तो आपको एक बार बिहार जरुर जाना चाहिए.

एक समय बच्चे-बच्चे के दिल में पूजा का खौफ इस कदर था कि शाम होते ही लोग अपने घरों में बंद हो जाते थे क्योकि शाम से रात तक सड़कों पर पूजा पाठक का गिरोह अपहरण करने के लिए घूमा करा करता था. पूजा पाठक ने वैसे तो अपराध करना कॉलेज के दिनों में ही शुरू कर दिया था. पॉलिटेक्निक की पढ़ाई करते हुए ही पूजा को लगने लगा था कि अब जल्दी ही पैसे कमाने हैं. इसलिए पूजा की दोस्ती भी कुछ इसी तरह के लोगों से हो गयी थी.

कॉलेज में रहते हुए ही पूजा ने अपराध का सारा दांव-पेंच सीख लिया था.

साल 2013 में आईं सामने

पूजा ने कैलाश फोजी के साथ मिलकर पहली बार साल 2013 में एक बड़े व्यापारी का अपहरण किया था.

पुलिस को तब तक कोई खबर नहीं थी कि बिहार में एक नया गैंग भी अब उठने लगा है. पुलिस को मैंनेज करना भी पूजा ने अच्छे से सीख लिया था. अपने पहले अपहरण के बाद तो जैसे पूजा ने कभी मुड़कर ही नहीं देखा. एक के बाद एक सफल अपहरण के बाद तो पूजा का गिरोह बड़ी तेजी से बढ़ने लगा था. पूजा अब सुपारी लेकर लोगों को उड़ाने भी लगी थी. कुछ ही समय बाद पूजा को पुलिस पकड़कर जेल में डाल देती है.

पूजा की क्रिमिनल फाइल काफी मजबूत थी इसलिए पूजा की जमानत नहीं हुई.

जेल में पूजा की मुलाकात मुकेश पाठक से हुई और दोनों ने जेल के अंदर ही शादी कर ली थी. शादी के बाद असल हंगामा तब हुआ था जब पूजा को प्रेग्नेंट पाया गया था. जेल के अधिकारीयों की नौकरियां तक चली गयी थीं. मुकेश पाठक तो जेल से 2015 में भाग गया था लेकिन पूजा पाठक की जिंदगी एक बच्चे के जन्म के साथ ही बदल गयी थी.

पूजा माँ बनने के बाद समझ गयी कि जिम्मेदारी का अर्थ क्या होता है. वैसे कुछ ही समय पहले पूजा पाठक को उनके व्यवहार को देखते हुए जमानत दे दी गयी है.

आज पूजा पाठक एक ईमानदार और नेक दिल महिला बनकर अपना जीवनयापन कर रही हैं.

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